उत्तर प्रदेश

uttar pradesh

ETV Bharat / state

यूपी में स्वयं सहायता समूह बना महिलाओं की सशक्तिकरण का जरिया

यूपी में स्वयं सहायता समूहों की मदद से महिलाएं आतमनिर्भर बन रही हैं. इसके साथ ही सरकार द्वारा चलाए जा रहे मिशन शक्ति अभियान के तहत उनका सशक्तिकरण किया जा रहा है. हर क्षेत्र में समूह की महिलाओं ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लेते हुए अपनी भागीदारी दर्ज कराई है.

यूपी ने महिलाओं के सशक्तिकरण और मिशन शक्ति का दिया नायाब उदाहरण
यूपी ने महिलाओं के सशक्तिकरण और मिशन शक्ति का दिया नायाब उदाहरण

By

Published : Mar 9, 2021, 9:29 AM IST

लखनऊ:यूपी में महिलाओं को स्वावलंबी बनाने के लिए स्वयं सहायता समूहों के जरिए मिसाल पेश हुई है. यह महिलाओं के सशक्तीकरण और मिशन शक्ति का नायाब उदाहरण है. योगी सरकार में पिछले पौने चार साल में स्वयं सहायता समूहों ने कई ऐसे कीर्तिमान रचे हैं. स्कूल ड्रेस, राशन वितरण और पोषाहार वितरण से लेकर मल्टीनेशनल कंपनियों के उत्पाद भी स्वयं सहायता समूहों की महिलाएं बना रहीं हैं. इसके अलावा स्वेटर बुनाई के लिए ट्रेनिंग, रेडिमेड गारमेंट्स से जोड़ने और रॉ मटैरियल उपलब्ध कराने के साथ बाजार भी तलाशा जा रहा है.

स्वंय सहायता समूहों से मिली आत्मनिर्भरता

राज्य में तीन लाख 93 हजार से अधिक स्वयं सहायता समूह हैं. समूहों के माध्यम से 45 लाख से अधिक परिवारों के वित्तीय और सामाजिक समावेशन से की जा सकती है. सीएम योगी ने हाल ही में 97,663 स्वयं सहायता समूहों और उनके संगठनों को 445 करोड़ 92 लाख की पूंजीकरण धनराशि दी है. कोरोना काल में ही समूहों ने एक करोड़ 28 हजार ड्रेस और एक करोड़ मास्क बनाए, एक लाख 51 हजार 981 आंगनबाड़ी केन्द्रों पर ड्राई राशन और 204 विकास खण्डों में टेक होम राशन वितरित किया.

दो लाख नये समूहों का होगा गठन

प्रदेश में 1,010 उचित दर की दुकानों का संचालन भी समूह की महिलाएं कर रही हैं. सीएम योगी के निर्देश पर अब उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन को इस साल दो लाख समूह और बनाने, 2024 तक नए 10 लाख समूह बनाकर एक करोड़ महिलाओं को जोड़ने की कार्य योजना पर कार्य किया जा रहा है.

स्कूल ड्रेस के साथ स्वेटर भी बुनेंगीं समूहों की महिलाएं

प्रदेश के प्राइमरी स्कूलों में बच्चों को नि:शुल्क दिए जा रहे ड्रेस की सिलाई का कार्य भी स्वयं सहायता समूहों से कराया जा रहा है. प्रयागराज में 17 हजार ड्रेस एक महिला स्वयं सेवी समूह ने तैयार किया है. प्रदेश में एक लाख 58 हजार से अधिक बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूल हैं और एक करोड़ 80 लाख से अधिक बच्चे पढ़ते हैं. राज्य सरकार इन्हें दो-दो यूनिफार्म बनवाने के साथ स्वेटर भी दे रही है.

देश के लिए मानक होगा पुष्टाहार वितरण

प्रदेश में पहले चरण में दो सौ से अधिक विकास खंडों में बाल विकास एवं पुष्टाहार की ओर से दिए जाने वाले पोषाहार के वितरण की जिम्मेदारी महिला स्वयं सेवी समूहों को दी गई है. जल्द ही प्रदेश के सभी 821 विकास खंडों में महिला स्वयं सेवी समूहों के माध्यम से इस कार्यक्रम को और आगे बढ़ाया जाएगा. यह कार्यक्रम सफलतापूर्वक आगे बढ़ने पर देश के लिए एक मानक होगा.

चंदौली में आईटीसी के लिए अगरबत्ती बना रहीं महिलाएं

सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि चंदौली जिले में आईटीसी और स्वयं सहायता समूह की 66 महिलाओं के सहभागिता से मंगलदीप ब्रांड की अगरबत्ती बनाई जा रही है. इसके अलावा समूह की 90 अन्य महिलाएं खुद मशीन खरीद कर अगरबत्ती बनाती हैं और इसकी बिक्री स्थानीय बाजार में करती हैं. वाराणसी में काशी विश्वनाथ मंदिर में चढ़ाए गए फूलों और प्रसाद की प्रोसेसिंग आईटीसी की ओर से की जाती है और प्रोसेसिंग के बाद रॉ मटैरियल आईटीसी की ओर से समूह की महिलाओं को दिया जाता है. समूह की महिलाएं आईटीसी द्वारा दिए गए मशीन और रॉ मटैरियल से अगरबत्ती बनाती हैं और बनाई हुई अगरबत्ती को आईटीसी चंदौली को बिक्री के लिए भेज देती हैं.

जिला मिशन प्रबंधक शशिकान्त सिंह बताते हैं कि जिले में 84 सौ से ज्यादा स्वयं सहायता समूह हैं. इसमें सबसे ज्यादा अगरबत्ती और जरी जरदोजी का कार्य किया जा रहा है. पैडल मशीन और आटोमैटिक मशीन के जरिए अगरबत्ती बनती है. एक महिला की औसतन आमदनी छह से 10 हजार रुपये महीना है.

ABOUT THE AUTHOR

...view details