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सुहागिनों ने चांद का दीदार कर पति के हाथ से तोड़ा व्रत - uttar pradesh

सुहागिनों ने करवा चौथ का व्रत विधि विधान के साथ पूरा किया. वहीं, कुछ कपल्स पूजा-पाठ के बाद व्रत तोड़ने के लिए रेस्टोरेंट्स पहुंचे, राजधानी लखनऊ में करवा चौथ के दिन शहर के सभी छोटे बड़े रेस्टोरेंट पहले से ही बुक रहते हैं. घर पर पूजा पाठ करने के बाद पानी से व्रत तोड़ कर महिलाएं फैमिली के साथ रेस्टोरेंट जाकर खाना-पीना करती हैं.

सोलह श्रृंगार कर अपने चांद का दीदार किया
सोलह श्रृंगार कर अपने चांद का दीदार किया

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Published : Oct 25, 2021, 6:42 AM IST

लखनऊ:पति की लंबी उम्र के लिए रविवार को सुहागिनों ने निर्जल व्रत रखा. रात करीब 8 बजकर 32 मिनट पर लखनऊ में चांद दिखा. जिलेभर में धूमधाम से महिलाओं ने करवाचौथ पर्व मनाया. इस पर्व को लेकर नव विवाहिताओं में खासा उत्साह दिखाई दिया. सुबह से ही महिलाओं ने पूजा पाठ की सामग्री तैयार करना शुरू कर दी और सारा दिन निर्जला व्रत रखकर देरशाम सोलह श्रृंगार कर अपने चांद का दीदार किया और उनके हाथों से पानी पीकर व्रत तोड़ा. उत्तर प्रदेश कानून मंत्री बृजेश पाठक की फोटो भी तेजी से लोगों के बीच फैल रही है.

देर शाम जैसे ही चांद निकला वैसे ही छतों पर पूजा की थाली लेकर पहुंची महिलाओं ने चंद्रमा को अ‌र्घ्य दे पूजा पाठ किया और एक दूसरे को कथा भी सुनाईं. इसके बाद सुहागिनों ने पति के हाथ से पानी पीकर इस अखंड व्रत को तोड़ा. इस दौरान सुहागिनों ने अपने सजना संग जमकर सेल्फी भी ली.

सोलह श्रृंगार कर अपने चांद का दीदार किया



करवाचौथ के मौके पर जहां सभी सुहागिनों ने अपनी पति की लंबी आयु की कामना के लिए निर्जला व्रत रखा. वहीं अलीगंज के रितेश यादव ने भी अपनी पत्नी सितल के लिए निर्जला व्रत रखकर उसकी लंबी आयु की कामना की. उन्होंने बताया कि वह आठ वर्षों से लगातार पत्नी के लिए करवाचौथ में व्रत रहे हैं. जबकि आमतौर पर पुरुष व्रत नही रहते हैं.

सोलह श्रृंगार कर अपने चांद का दीदार किया

बता दें कि इस बार 24 अक्टूबर यानी रविवार के दिन करवा चौथ का त्योहार मनाया गया. यह त्योहार महिलाओं के लिए ही होता है. कोरोना के बाद इस त्योहार से रौनक लौटी है. लिहाजा इस त्योहार के मद्देनजर महिलाओं में गजब का उत्साह देखने को मिला. वैसे तो इस त्योहार पर श्रृंगार का हर सामान महिलाएं खरीदतीं हैं. जिनमें साड़ियों के साथ-साथ ज्वेलरी भी शामिल होती है, लेकिन महिलाओं में चूड़ियों के प्रति ज्यादा क्रेज देखने को मिला.

सोलह श्रृंगार कर अपने चांद का दीदार किया

दरअसल, करवा चौथ में व्रत कथा सुनना बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है. इस दौरान एक चौकी पर जल से भरा लोटा, करवे में गेहूं और उसके ढक्कन में चीनी और रुपये आदि रख जाते हैं. कहते हैं कि इस दिन का चांद भी बहुत आकर्षक होता है. चावल के आटे से चांद, सूरज, पेड़ आदि बनाया जाता है. इस व्रत से लोककला भी जुड़ी हुई हैं. कथा, लोक चित्र और लोक गायन तीनों परंपराएं एक-दूसरे से जुड़े हैं, जो करवा चौथ में निभाए जाते हैं.

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