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कानपुर संवासिनी गृह में बिगड़े हालात, लखनऊ के अधिकारियों ने पकड़ी रफ्तार - सेंटर संचालकों को दिए जा रहे निर्देश

कानपुर शेल्टर होम मामले के बाद प्रदेश की राजधानी लखनऊ में सतर्कता बढ़ा दी गई है. कोरोना को देखते हुए सेल्टर संचालकों के साथ वीडियो कॉलिंग के जरिए मीटिंग कर जरूरी दिशा-निर्देश दिए जा रहे हैं.

लखनऊ में सतर्कता तेज.
लखनऊ में सतर्कता तेज.

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Published : Jun 23, 2020, 3:57 AM IST

लखनऊ: कानपुर के संवासिनी गृह में 57 संवासिनियों के कोरोना पॉजिटिव की रिपोर्ट आने के बाद राजधानी लखनऊ के अधिकारियों ने शेल्टर होम की निगरानी तेज कर दी है. इस मामले में जिला प्रोबेशन अधिकारी सुधाकर शरण पांडे ने बताया कि लखनऊ में 32 शेल्टर होम हैं, जिसमें 1300 संवासिनियां रहती हैं. इसमें शिशु, बालिका और महिलाएं भी शामिल हैं. राजधानी में वीडियो कॉलिंग के माध्यम से सेंटर संचालकों के साथ मीटिंग करके उन्हें दिशा-निर्देश दिए जा रहे हैं.

प्रदेश सरकार द्वारा संचालित महिला संरक्षण केंद्र, नारी निकेतन, अनाथालय एवं बाल सुधार गृह आदि में कोविड-19 संक्रमण की रोकथाम के लिए दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं. महामारी से बचने के लिए इन जगहों पर कई इंतजाम किए गए हैं. हैंड सैनेटाइजेशन से लेकर थर्मल स्कैनिंग, मास्क, सोशल डिस्टेंसिंग और साफ-सफाई के उचित इंतजाम किए गए हैं. बच्चों, संवासिनियों और कर्मियों की मेंटल हेल्थ और उन्हें साइकोसोशल सपोर्ट करने के लिए मनोचिकित्सक और काउंसलर द्वारा लगातार टेली-काउंसिल तथा वीडियो कांफ्रेंसिंग की जा रही है. इन जगहों पर जिला प्रशासन के अधिकारियों द्वारा लगातार निरीक्षण भी किया जा रहा है.

मामले में जानकारी देते जिला प्रोबेशन अधिकारी.

कानपुर के संवासिनी गृह में 57 लड़कियों में कोरोना वायरस की रिपोर्ट आने के बाद से लखनऊ जिला प्रशासन पहले से ज्यादा मुस्तैदी बरत रहा है. लखनऊ के डीपीओ सुधाकर शरण पांडे का कहना है कि उन्होंने दिशा निर्देशों का पालन करने के लिए शहर भर के 32 सेंटरों के संचालकों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बातचीत की है. उन्हें जरूरी निर्देश दिए जा रहे हैं. इन सेंटरों पर हैंड सैनेटाइजेशन से लेकर थर्मल स्कैनिंग, मास्क, सोशल डिस्टेंसिंग और साफ-सफाई की उचित इंतजाम किए गए हैं. इन केंद्रों का निरीक्षण भी किया जा रहा है.

समय-समय पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सेल्टर होम्स के संचालकों के साथ बातचीत की जा रही है.उन्हें दिशा निर्देश दिए जा रहे हैं. लखनऊ में ऐसा कोई भी मामला नहीं है. जो भी लोग शेल्टर होम में एडमिट किए जा रहे हैं, उनकी मेडिकल जांच कराई जा रही है.एडमिट होने वाले बच्चे, बालिकाओं और महिलाओं के लिए अलग से क्वारांटाइन सेंटर बनाए गया है. उन्हें 14 दिनों तक क्वारंटाइन किया जा रहा है.
-सुधाकर शरण पांडे, जिला प्रोबेशन अधिकारी

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