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पीड़िता का बयान किनारे कर लगाई पॉक्सो की धारा, कोर्ट ने विवेचक के खिलाफ दिए कार्रवाई के निर्देश

पॉक्सो के विशेष जज ने पीड़िता द्वारा बयान में कोई आरोप नहीं लगाने के बावजूद एक अभियुक्त के खिलाफ पॉक्सो एक्ट की धारा बढ़ाने की मांग खारिज कर दी है. साथ ही इस मामले के पूर्व विवेचक के खिलाफ विभागीय कार्रवाई के निर्देश दिए हैं.

अदालत ने विवेचक के खिलाफ दिए कार्यवाही के निर्देश.
अदालत ने विवेचक के खिलाफ दिए कार्यवाही के निर्देश.

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Published : Oct 8, 2021, 11:02 PM IST

लखनऊः पॉक्सो (Protection of Children from Sexual Offences ) के विशेष जज महेश चन्द्र वर्मा ने पीड़िता द्वारा अपने बयान में कोई आरोप नहीं लगाने के बावजूद एक अभियुक्त अब्दुल हसीब के खिलाफ पॉक्सो एक्ट की धारा 16 व 17 की बढ़ोत्तरी की मांग को खारिज कर दिया है. इसी के साथ कोर्ट ने मामले के पूर्व विवेचक व एसआई अगस्त मुनि तिवारी के इस कृत्य को अवैधानिक करार दिया है. साथ ही कोर्ट ने उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई कर दंडित करने के लिए पुलिस कमिश्नर को पत्र भेजने के भी निर्देश दिए हैं.

थाना चिनहट से संबंधित इस मामले में अभियुक्त सगीर अहमद के साथ ही अब्दुल हसीब को भी आईपीसी की धारा 363, 366 व 368 में न्यायिक हिरासत में जेल भेजा गया था. शुक्रवार को इस मामले के वर्तमान विवेचक व उप-निरीक्षक उमाशंकर सिंह ने एक अर्जी दाखिल कर अभियुक्त अब्दुल हसीद पर पॉक्सो एक्ट की धारा 16 व 17 की बढ़ोत्तरी की मांग की.

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इस दौरान ये दोनों अभियुक्त जेल से अदालत में हाजिर हुए थे. विशेष जज ने पत्रावली पर मौजूद तथ्यों के परिशीलन में पाया कि नाबालिग पीड़िता ने सिर्फ अभियुक्त सगीर अहमद के खिलाफ बयान दर्ज कराया है. बावजूद इसके पूर्व विवेचक ने अभियुक्त अब्दुल हसीब के खिलाफ पॉक्सो एक्ट की धारा की बढ़ोत्तरी कर दी. विशेष जज ने अब्दुल हसीब का पॉक्सो एक्ट की धारा 16 व 17 में मांगी गई रिमांड को निरस्त कर दिया. साथ ही अभियुक्त सगीर अहमद के खिलाफ आईपीसी की अन्य धाराओं 342, 376, 504 व 506 के साथ ही पॉक्सो एक्ट की धारा 3 व 4 की भी बढ़ोत्तरी करते हुए उसे न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया.

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