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UP Board Exam : छात्र-छात्राओं को मैथ की जगह बायो विषय आ रहा पसंद, यह है खास वजह - अंग्रेजी में छात्रों का रुझान

बदलते समय और रोजगार के क्षेत्र में अवसरों को देखते हुए विषय चयन में छात्रों का रुझान बदल रहा है. यूपी बोर्ड एग्जाम (UP Board Exam) में बैठने वाले छात्रों के विषय चयन के स्तर को देख कर लग रहा है कि युवा अब पारंपरिक रोजगारपरक विषयों को छोड़ कर निश्चित कॅरियर वाले विषयों का चयन कर रहे हैं.

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Published : Feb 16, 2023, 7:10 PM IST

विद्यांत पीजी कॉलेज के प्रोफेसर डॉ. दिलीप अग्निहोत्री

लखनऊ : माध्यमिक शिक्षा परिषद की ओर से आयोजित हो रहे यूपी बोर्ड एग्जाम इस बार इंटरमीडिएट के बोर्ड परीक्षा छात्रों में एक विशेष तरह का रुझान देखने को मिला है. यूपी बोर्ड के 12वीं के छात्रों ने करोना काल के बाद इंटरमीडिएट लेवल पर विषय के चुनाव करते समय अपने कॅरियर को किस फील्ड में जाना है इस पर इसमें बड़ा बदलाव देखने को मिल है. अभी तक 12वीं के छात्रों में इंजीनियरिंग को लेकर काफी हद तक क्रेज देखने को मिलता है. यूपी बोर्ड के छात्र इंजीनियरिंग से अधिक मेडिकल के क्षेत्र में अपना कॅरियर संवारने की चाहत रखते हैं. विषय के प्रति छात्र-छात्राओं के रुझान में इस तथ्य को देखा जा सकता है. इस बार इंटरमीडिएट परीक्षा में गणित के छात्र व छात्राओं से दोगुने परीक्षार्थी जीव विज्ञान विषय के हैं.


माध्यमिक शिक्षा परिषद के यूपी बोर्ड परीक्षा 2023 की इंटरमीडिएट के लिए कुल 27,50,913 छात्र छात्राएं पंजीकृत हैं. इस बार बोर्ड परीक्षा में 4,99, 484 विद्यार्थियों गणित विषय को वैकल्पिक विषय के तौर पर चुना है. जबकि इसके सापेक्ष दोगुने से अधिक 10,84,932 छात्रों ने जीव विज्ञान विषय चुना है. यूपी बोर्ड के 12वीं के बोर्ड परीक्षा में शामिल हो रहे इन दो विषयों के छात्रों के संख्या के आधार पर यह माना जा रहा है कि अब युवा अब चिकित्सीय शिक्षा को रोजगारपरक समझ रहा है और इंजीनियरिंग से मोह भंग हुआ है.


विशेषज्ञों की मानें तो यह बदलाव कोरोना काल के बाद से देखने को मिला है. साथ ही देश व विदेश में चिकित्सीय नौकरी में बढ़े अवसरों को देखते हुए यह बदलाव देखने को मिला है. शिक्षाविद् व विद्यांत पीजी कॉलेज के प्रोफेसर डॉ. दिलीप अग्निहोत्री ने बताया कि बीते 2 सालों में कोरोना महामारी पर जिस तरह से मेडिकल सेक्टर के इंफ्रास्ट्रक्चर व उसके भविष्य को लेकर बूम देखने को मिला है. तो छात्रों में कहीं ना कहीं इस फील्ड में बेहतर मौके देख रहे हैं. सरकार की ओर से जो मेडिकल फैसिलिटी के लिए योजनाएं चलाई जा रही हैं, खास तौर पर हर जिले में मेडिकल कॉलेज, नर्सिंग इससे संबंधित सेक्टर में नौकरी के अधिक मौके दिख रहे हैं. वही इंजीनियरिंग सेक्टर अब ढलान की तरफ है. देश के टॉप इंजीनियर संस्थाओं को अगर छोड़ दे तो बाकी इंजीनियरिंग संस्थाओं में कोर्स पूरा करने के बाद छात्रों को एक बेहतर नौकरी तक नहीं मिल पा रही है. इस सेक्टर में जो नौकरियां अभी रही हैं वह पॉलिटेक्निक में आईटीआई बेस्ड ज्यादा है. ऐसे में गणित विषय में यह गिरावट देखना स्वाभाविक है.


माध्यमिक शिक्षा परिषद की यूपी बोर्ड परीक्षा में 12 वीं के छात्र संस्कृत व उर्दू से ज्यादा अंग्रेजी विषय को प्राथमिकता दे रहे हैं. इस बार संस्कृत से 18 गुना से अधिक विद्यार्थियों ने अंग्रेजी विषय चुना है. एक लाख 25 हजार 309 बच्चों ने संस्कृत, 23 लाख 60 हजार 332 ने अंग्रेजी विषय का चुनाव किया है. इंटरमीडिएट में 17 लाख 25 हजार 693 परीक्षार्थियों ने सामान्य हिन्दी व नौ लाख 54 हजार 914 ने हिन्दी ली है. 26 हजार 75 बच्चों ने उर्दू लिया है. 169 परीक्षार्थी पालि और 128 अरबी विषय से परीक्षा दे रहे हैं.

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