लखनऊ : माध्यमिक शिक्षा परिषद ने प्रदेश में बिना मान्यता के चल रहे फर्जी विद्यालयों को बंद करने के लिए जुलाई माह में अभियान शुरू किया था, लेकिन करीब चार महीने से अधिक समय बीत जाने के बाद भी प्रदेश के 75 जिले में फर्जी विद्यालयों के खिलाफ (close fake schools in Lucknow) कार्रवाई के लिए बनी टीमें कुल 180 फर्जी विद्यालय ही खोज सकी थीं, वहीं अगर लखनऊ जिले की बात करें तो टीम को केवल दो ही फर्जी विद्यालयों की सूचना प्राप्त हुई थी. विभाग के इस सुस्त रवैये से नाराज माध्यमिक शिक्षा परिषद के सचिव दिब्याकांत शुक्ला ने सभी जिला विद्यालय निरीक्षकों को फटकार लगाते हुए फर्जी विद्यालयों की जांच में तेजी लाने के निर्देश दिए थे. सचिव के आदेश के बाद शहर के प्रमुख स्थानों पर चल रहे फर्जी स्कूलों की मान्यता जांच के लिए जिला विद्यालय निरीक्षक लखनऊ ने 33 प्रधानाचार्य की एक कमेटी का नए सिरे से गठन किया है. जिला विद्यालय निरीक्षक ने पूरे जिले को 17 जोन में बांटकर जांच समिति बनाई है, जो फर्जी विद्यालयों की पहचान कर उनके खिलाफ कार्रवाई की प्रक्रिया को पूरा करेगा.
दशहरा की छुट्टियां और दो दिन में रिपोर्ट, कैसे हो जांच :माध्यमिक शिक्षा परिषद, प्रयागराज के निर्देश पर अवैध विद्यालयों की जांच के लिए 17 समितियों का गठन किया है. इसके लिए राजकीय प्रधानाध्यापक व प्रधानाचार्य की ड्यूटी लगाई गई है. इन्हें दो दिन में जांच कर रिपोर्ट सौंपने के निर्देश मिले हैं. ऐसे में शनिवार के बाद रविवार पड़ेगा, जिसमें विद्यालय बंद रहेंगे. सोमवार से अधिकांश विद्यालयों में दशहरा की छुट्टियां होने जा रही हैं और फिर 25 से विद्यालय खुलेंगे. ऐसे में विद्यालय जब खुलेंगे ही नहीं तो जांच अधिकारी विद्यालयों के गेट पहुंचकर किसकी जांच करेंगे. उधर, इन समितियों को इलाकेवार कोई विद्यालयों की सूची तक नहीं मिली है. ऐसे में जांच अधिकारियों को जांच किसकी करनी है, यही नहीं पता है. चौक, नक्खास और ठाकुरगंज जैसे इलाकों में जांच के लिए एक ही जांच अधिकारी को नामित किया गया है. अधिकारियों के ऐसे निर्देश राजकीय स्कूलों के प्रधानाचार्य व प्रधानाध्यापक के लिए मुसीबत बनते जा रहे हैं.