आपकी इम्यूनिटी हुई कमजोर या वायरल हुआ स्ट्रांग, विशेषज्ञ से जानें. लखनऊ : मौसम जब भी परिवर्तित होता है तो मौसमी बीमारियां लोगों को घेर लेती हैं. मौजूदा समय में वायरल काफी ज्यादा इफेक्टिव हो रहा है. अस्पतालों में भारी संख्या में मरीज पहुंच रहे हैं. पहले वायरल सर्दी, जुखाम, बुखार में लोग दवाओं का इस्तेमाल न के बराबर करते थे, लेकिन आज स्थिति ऐसी है कि अगर दवाई न की जाए तो स्थिति ज्यादा खराब हो जाती है.
वायरल बुखार के कारण अस्पतालों में बढ़ रहे मरीज.
सिविल अस्पताल के वरिष्ठ फिजीशियन डॉ. एस. देव ने कहा कि वायरल बुखार मरीजों के शरीर को बुरी तरह से प्रभावित कर रहा है. वायरल बुखार में लक्षण टाइफाइड, चिकनगुनिया के होते हैं. जबकि पहले ऐसे नहीं होता था. पहले किसी मरीज को डेंगू होता था तो सिर्फ डेंगू ही रिपोर्ट में निकल कर आता था या फिर जिसे चिकनगुनिया होता था, उसे सिर्फ चिकनगुनिया होता था. इस बार जो वायरल बुखार है, इसमें रिपोर्ट में कुछ निकल कर ही नहीं आता है. जो लक्षण होते हैं वह सभी के मिले-जुले होते हैं. मौसम परिवर्तन में वायरल बुखार तेजी से होता है. इस समय वायरल बुखार भी ज्यादा खतरनाक हो गया है. अच्छे से देखरेख न की जाए तो उसकी तबीयत और भी खराब हो सकती है. वायरल के चलते मरीजों का शरीर कमजोर हो जाता है. शरीर के सभी जोड़ों में (हड्डियों में) दर्द बना रहता है.
वायरल बुखार के कारण अस्पतालों में बढ़ रहे मरीज.
कोविड व पोस्ट कोविड ने किया कमजोर : डाॅ. एस. देव ने बताया कि कोरोना वायरस से लोग बड़ी मुश्किल से उभरे. इसके बाद पोस्ट कोविड के मरीज और भी बढ़ गए. जो मरीज एक बार कोरोना संक्रमित हुआ है उसकी इम्यूनिटी अब इतनी मजबूत नहीं रह गई है. एक के बाद एक खतरनाक वायरल आ रहा है. पहले कोविड फिर पोस्ट कोविड के बाद वायरल (डेंगू, चिकनगुनिया, टाइफाइड) ने लोगों की इम्यूनिटी पर बुरा प्रभाव छोड़ा है. पोस्ट कोविड के दौरान बहुत से लोगों को सांस लेने में भी दिक्कत होने लगी थी. कोरोना वायरस ने बुरी तरह से सभी की इम्युनिटी पर प्रभाव डाला है.
वायरल बुखार के कारण अस्पतालों में बढ़ रहे मरीज.
डॉ. एस. देव ने बताया कि अस्पताल की ओपीडी में इस समय 50 फ़ीसदी मरीज वायरल बुखार से पीड़ित आ रहे हैं. मौजूदा समय में जोड़ों से परेशान मरीज अस्पताल में अधिक आ रहे हैं. लगभग सभी मरीजों में इस समान लक्षण देखने को मिल रहे हैं. सभी के जोड़ों में सूजन के साथ दर्द बना रहता है. ऐसा इसलिए भी है क्योंकि वायरल बुखार इस बार काफी इफेक्टिव रहा है. मार्च का महीना काफी हेल्थी मौसम माना जाता है और इस मौसम में कोई भी मौसमी बीमारी नहीं होती है. इस समय सर्दी से गर्मी की तरफ मौसम रुख करता है और इस मौसम को सबसे अच्छा माना जाता है. अभी जिन लोगों को जोड़ों में समस्या है या हड्डियों में सूजन हो रही है यह तमाम दिक्कत परेशानी मार्च आखिरी तक अपने आप समाप्त हो जाएंगी.
सिविल अस्पताल के अलावा बलरामपुर अस्पताल में इस समय वायरल बुखार के मरीजों की संख्या बढ़ी है. बलरामपुर अस्पताल के सीएमएस डॉ. जीपी गुप्ता ने बताया कि इस समय करीब 200 से 300 के बीच मरीज इलाज के लिए पहुंच रहे हैं. जितने भी मरीज आ रहे हैं सभी में एक समान लक्षण है बुखार, सर्दी, जुकाम के साथ बदन दर्द, खांसी, जोड़ों में दर्द जैसी समस्याएं हैं. वहीं लोक बंधु अस्पताल के एमएस डॉ. अजय शंकर त्रिपाठी ने बताया कि मौजूदा समय में अस्पताल की ओपीडी में काफी भीड़ गई है. सर्दी का मौसम खत्म हो रहा है और गर्मी की शुरुआत होने जा रही है. ऐसे में मौसमी बीमारी से पीड़ित मरीजों की संख्या काफी ज्यादा ओपीडी में रह रही है. ओपीडी में इस समय लगभग 300 मरीज रोजाना इलाज के लिए पहुंच रहे हैं. इस समय सबसे ज्यादा जरूरी है कि लोग अपनी सेहत का विशेष ख्याल रखें. खान-पान अच्छे से करें. बगैर मौसम वाला कोई भी फल खाने से बचें. मौसमी फलों का सेवन करें. अपनी दिनचर्या में योग या व्यायाम को शामिल करें. मौसम इस समय तेजी से बदल रहे हैं इसलिए कोशिश करें कि 4 से 5 लीटर पानी दिन भर में जरूर पिएं. सादा भोजन करने की आदत डालें. बाहरी खाना व जंक फूड खाने से बचें.
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