उत्तर प्रदेश

uttar pradesh

ETV Bharat / state

धरती पर जीवन के रहस्यों से वैज्ञानिकों ने उठाया पर्दा - भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन

अंतरिक्ष से जीवन धरती पर आने की थ्योरी की संभावनाओं को तलाशने के लिए भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने अक्टूबर 2015 में एक प्रोजेक्ट की शुरुआत की. इसकी जिम्मेदारी लखनऊ विश्वविद्यालय की भौतिक विज्ञान की वरिष्ठ प्रोफेसर डॉ. पूनम टंडन को सौंपी गई. प्रोफेसर पूनम टंडन के साथ उनके शोधार्थी केशव सिंह इस पर काम कर रहे हैं. इनके अध्ययन में अंतरिक्ष और पृथ्वी पर जीवन के बारे में कई रहस्यों से पर्दा उठा है.

वैज्ञानिकों ने बताया धरती पर जीवन की शुरुआत
वैज्ञानिकों ने बताया धरती पर जीवन की शुरुआत

By

Published : Jul 1, 2021, 8:16 PM IST

लखनऊ: धरती पर जीवन कैसे शुरू हुआ यह एक बड़ा सवाल है. इसके जवाब में दुनिया भर के वैज्ञानिकों ने अपने अपने सिद्धांत दिए हैं. कोई कहता है कि समुद्र से जीवन की उत्पत्ति हुई तो कोई अंतरिक्ष से जीवन धरती पर आने की बात करता है. लेकिन वास्तव में क्या यह संभव है कि अंतरिक्ष से धरती पर जीवन आया हो? ऐसे ही कई रहस्यों से लखनऊ विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने पर्दा हटा दिया है. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के प्रोजेक्ट पर सालों से काम कर रही टीम की मेहनत रंग लाई है. इनके अध्ययन में जीवन की शुरुआत को लेकर कई महत्वपूर्ण जानकारियां सामने आई हैं. जिसे हाल ही में प्रतिष्ठित जर्नल 'मंथली नोटिसेज ऑफ द रॉयल एस्ट्रोलॉजिकल सोसाइटी' में प्रकाशित किया गया है.

2015 में हुई थी प्रोजेक्ट की शुरुआत

धरती पर जीवन की शुरुआत कैसे हुई ? इस संबंध में दी गई एक थ्योरी के मुताबिक, अंतरिक्ष से जीवन के धरती पर आने की बात कही गई है. इस थ्योरी की संभावनाओं को तलाशने के लिए भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने अक्टूबर 2015 में एक प्रोजेक्ट की शुरुआत की थी. इसकी जिम्मेदारी लखनऊ विश्वविद्यालय की भौतिक विज्ञान की वरिष्ठ प्रोफेसर डॉ. पूनम टंडन को सौंपी गई. प्रोफेसर पूनम टंडन के साथ उनके शोधार्थी केशव सिंह इस पर काम कर रहे हैं. प्रो. पूनम टंडन ने बताया कि जीवन की उत्पत्ति के लिए कार्बन, ऑक्सीजन और नाइट्रोजन महत्वपूर्ण तत्व हैं. बिल्डिंग ब्लॉक चाहे वह अमीनो एसिड हो, न्यूक्लिक एसिड हो या फिर प्रोटीन यह सब कार्बन, नाइट्रोजन और ऑक्सीजन से मिलकर बनते हैं. जब जीवन शुरू हुआ होगा तो अमीनो एसिड से प्रोटीन बनकर तैयार हुई होगा पॉली न्यूक्लिक एसिड. डीएनए आरएनए यह सब न्यूक्लिक एसिड से मिलकर बने हैं. इन छोटे-छोटे मॉलिक्यूल से यह कॉम्प्लेक्स मॉलिक्यूल कैसे बने होंगे, इसका हम अपनी मॉडलिंग के माध्यम से अध्ययन कर रहे हैं.

वैज्ञानिकों ने बताया धरती पर जीवन की शुरुआत

तो ऐसे आया होगा जीवन

शोधार्थी केशव सिंह बताते हैं कि जीवन की शुरुआत के लिए अमीनो एसिड, न्यूक्लिक एसिड और शुगर जैसी चीजें जरूरी हैं. एक सिद्धांत के मुताबिक धरती पर जिन कंपाउंड्स से जीवन की उत्पत्ति हुई वह धूमकेतु के जरिए आए हो सकते हैं. यही कारण है कि इतनी कॉम्पलेक्स लाइफ जनरेट हुई है. शोध कार्य के दौरान हमने अमीनो मेथेनॉल नाम के एक मॉलिक्यूल के बारे में अध्ययन किया. यह वह मॉलिक्यूल है, जिससे आगे अमीनो एसिड जनरेट होता है. हमारे अध्ययन में यह पाया गया कि अमीनो मेथेनॉल अंतरिक्ष में बन सकता है. अगर अमीनो मेथेनॉल बन सकता है तो अमीनो एसिड भी स्पेस में बन सकता है. इसलिए, जीवन के धूमकेतु के जरिए अंतरिक्ष से धरती पर आने की पूरी संभावनाएं हैं. वहीं, केशव सिंह का कहना है कि अगर यह धूमकेतु धरती पर जीवन को ला सकते हैं तो यह भी संभावित है कि यह टूटकर किसी दूसरे ग्रह पर भी गिरे हों.

ABOUT THE AUTHOR

...view details