लखनऊ : राजधानी में स्कूलों के सामने वाहनों की पार्किंग करने पर चालान की कार्रवाई की जाएगी. इस बाबत जिलाधिकारी लखनऊ ने ट्रैफिक पुलिस को सख्त निर्देश दिए हैं. दरअसल, राजधानी के स्कूलों में बच्चों को छोड़ने और लेने आने वाले अभिभावक सड़क पर ही गाड़ियों को खड़ी कर देते हैं. इसके चलते रोजाना जाम की स्थिति बनती है. इसको लेकर कई बार स्कूल प्रबंधकों को परिसर में ही गाड़ियों को पार्क करने के लिए कहा गया था, लेकिन अभी तक कोई व्यवस्था नहीं बनाई गई.
Bad Traffic System of Lucknow : स्कूलों के बाहर खड़े मिले वाहन तो होगा चालान - लखनऊ में स्कूलों के बाहर पार्किंग
लखनऊ में स्कूलों में बाहर वाहन खड़ा करने पर सोमवार से चालान किया जाएगा. इस बाबत जिलाधिकारी लखनऊ ने ट्रैफिक पुलिस को सख्त निर्देश दिए हैं. इसके पहले डीएम ने स्कूल प्रबंधकों के साथ हुई बैठक में वाहनों की पार्किंग स्कूल परिसर के अंदर ही करने के निर्देश दिए थे.
बीती 24 मार्च को जिलाधिकारी के अध्यक्षता में जिला प्रशासन और स्कूल प्रबंधकों की बैठक हुई थी. जिसमें 15 दिनों के अंदर वाहनों की पार्किंग स्कूल परिसर के अंदर ही करने के निर्देश दिए थे. बावजूद इसके स्कूल प्रबंधकों ने इस ओर ध्यान नहीं दिया. ऐसे में अब मियाद खत्म होने के बाद सोमवार से एडीसीपी ट्रैफिक अजय पटेल के नेतृत्व में अभियान चलाकर स्कूल के बाहर खड़े अभिभावकों के वाहनों का चालान करने के निर्देश प्रभावी होंगे.
स्कूल प्रबंधकों के साथ हुई बैठक में जिलाधिकारी सूर्य पाल गंगवार ने स्कूल के सभी गेट, सड़क की ओर सीसीटीवी कैमरे लगाने, सीसीटीवी के डीवीआर की रिकॉर्डिंग 60 दिन तक रखने, स्कूल खुलने से एक घंटा पहले और बाद की रिकॉर्डिंग करने, बच्चों के आने जाने के साधन का कम्प्यूटर पर ब्योरा रखने, जिसके वाहन की वजह से जाम लग रहा है उसे फोन करने, स्कूल के भीतर ही अभिभावकों के वाहनों की पार्किंग कराने, स्थान नहीं तो आसपास कोई खाली जगह पार्किंग करने, स्कूल के बाहर बिना ड्राइवर के कोई वाहन पार्क न करने, अनियमितता पर वाहन ड्राइवर की आरसी जब्त करने, ज्यादा से ज्यादा बच्चों को बसों, वैन से स्कूल लाने की व्यवस्था करने आदि दिशा निर्देश दिए थे.
पुलिस व जिला प्रशासन लिख चुका है कई पत्र : इससे पहले राजधानी के तत्कालीन संयुक्त पुलिस कमिश्नर पियूष मोर्डिया ने स्कूल प्रबंधकों को पत्र लिख कर ट्रैफिक व्यवस्था को सुधारने के लिए सहयोग मांगा था. उन्होंने स्कूल प्रबंधकों से कहा था कि समन्वय बना कर छुट्टी अलग-अलग समय पर करने के साथ ही विभिन्न कक्षाओं की भी छुट्टी अलग-अलग समय पर करने की व्यवस्था बनाने की बात कही थी. जिससे स्कूलों के बाहर वाहनों का जमावड़ा न लगे. इस पत्र को भी स्कूल प्रबंधकों ने अनदेखा कर दिया था. नतीजतन स्कूल खुलते ही शहर की ट्रैफिक व्यवस्था फिर गड़बड़ा रही है.
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