लखनऊः प्रदेश में हुए छात्रवृत्ति घोटाले में गिरफ्तार हाइजिया एजुकेशन ग्रुप के संचालकों ने पूछताछ के दौरान कई बड़े अधिकारियों के नाम लिए हैं. प्रवर्तन निदेशालय के जांच में सामने आया है कि इस घोटाले में कई आईएएस व पीसीएस अधिकारी शामिल रहे हैं. इसमें अल्पसंख्यक कल्याण, समाज कल्याण और दिव्यांग सशक्तिकरण विभाग के अधिकारियों की संलिप्तता की बात सामने आई है. आरोपियों ने कबूल किया है कि इस छात्रवृत्ति घोटाले की रकम का एक हिस्सा इन अधिकारियों को भी दिया जाता है.
केंद्र सरकार की तरफ से गरीबों, अल्पसंख्यकों, अनुसूचित जाति-जनजाति और दिव्यांग छात्रों को दी जाने वाली छात्रवृत्ति हड़पने वाले कॉलेजों के संचालकों ईडी ने पूछताछ शुरू की, तब कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए. प्रवर्तन निदेशालय को पूछताछ में पता चला है कि घोटाले की रकम का बड़ा हिस्सा अफसरों को भी पहुंचाया जा रहा है. जांच अधिकारी रामचंदर की तरफ से इन सभी अधिकारियों को समन भेजना शुरू किया गया है. ईडी के बार-बार अनुरोध पर भी इन विभागों के अधिकारी छात्रवृत्ति से जुड़ी जानकारियां साझा नहीं कर रहे थे. सूत्रों की मानें तो बड़े पैमाने पर मनी लॉन्ड्रिंग के साक्ष्य मिले हैं.
रिक्शा चालक के नाम से भी खुलवाए गए थे खाते:प्रवर्तन निदेशालय के जांच में सामने आया है कि छात्रवृत्ति घोटाले में छात्रवृत्ति की रकम हड़पने के लिए हाइजिया के संचालकों ने पुराने लखनऊ के रहने वाले रिक्शा चालक अजय लाल का भी बैंक खाता खोला था. वह किसी छात्र को कॉलेज छोड़ने आया करता था. उसे केंद्र सरकार की योजना का लाभ दिलाने का लालच देकर उससे अंगूठा लगवा कर बैंक खाते खोले गए थे.