लखनऊ: उत्तर प्रदेश में हो रहे विकास कार्यों की समीक्षा के लिए दुनियाभर से जुटे विद्वानों ने राजधानी में बुधवार को गहन मंथन किया. योजना भवन के सेमिनार हॉल में आयोजित 'उत्तर प्रदेश विकास समीक्षा' के पहले विचार-मंथन में जुटे विद्वानों ने अपने-अपने विचार बेबाकी के साथ रखे. इस दौरान प्रख्यात अर्थशास्त्री और सेंटर फॉर डेवलपमेंट स्टडीज, यूनिवर्सिटी ऑफ बाथ, इंग्लैंड के प्रो. संतोष महरोत्रा और ब्रूकिंग इंस्टीट्यूशन, वाशिंगटन डीसी यूएसए की डॉ. शमिका रवि ने भी अपने विचार रखे.
गोविंद वल्लभ पंत सोशल साइंस इंस्टीट्यूट (जीबीपीएसएसआई) के निदेशक प्रो. बद्री नारायण ने उत्तर प्रदेश विकास समीक्षा रिपोर्ट के बारे में जानकारी दी. उन्होंने रिपोर्ट लेखन के लिए रोड मैप पर भी प्रकाश डाला. विचार-मंथन सत्र का उद्घाटन विज्ञान और प्रौद्योगिकी के सचिव आलोक कुमार ने किया. उन्होंने पिछले पांच वर्ष में विभिन्न संकेतकों पर उत्तर प्रदेश के प्रदर्शन के बारे में विस्तार से बताया. उन्होंने नीति आयोग की नवीनतम रिपोर्ट में महत्वाकांक्षी जिलों के प्रदर्शन पर भी प्रकाश डाला.
बेरोजगारी से निपटने के लिए स्टार्टअप ही समाधान
प्रख्यात अर्थशास्त्री और शिक्षाविद प्रो. संतोष मेहरोत्रा ने उत्तर प्रदेश में मानव विकास की स्थिति के बारे में बात की. वहीं, प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद की सदस्य डॉ. शमिका रवि ने बेरोजगारी, गरीबी और निजी और सार्वजनिक स्वास्थ्य क्षेत्रों की स्थिरता के बारे में बात की. उन्होंने सुझाव दिया कि राज्य में बेरोजगारी से निपटने के लिए स्किलिंग और स्टार्टअप समाधान हैं.
समानता के सिद्धांतों पर आधारित हैं सरकारी स्कूल
प्रो. प्रदीप भार्गव ने उत्तर प्रदेश के व्यापक आर्थिक आंकड़ों के बारे में बताया. प्रख्यात शिक्षाविद प्रो. अशोक पंकज ने उत्तर प्रदेश में शिक्षा, इसकी उपलब्धियों और चुनौतियों के बारे में बताया. उन्होंने कहा कि सरकारी स्कूल सार्वभौमिक और समानता के सिद्धांतों पर आधारित हैं.
ऑनलाइन भी जुड़े कई प्रोफेसर और रिसर्चर्स
कुछ प्रोफेसर और शोधकर्ता ऑनलाइन शामिल हुए जैसे डॉ श्रीनिवास गोली, डॉ अरविंद पांडे और डॉ पार्थ पी साहू. बैठक में जीबीपीएसएसआई संकाय की डॉ. अर्चना सिंह, डॉ. पूजा पाल, डॉ. रेखा गुप्ता, डॉ. माणिक कुमार और डॉ. सुभाष कुमार ने भाग लिया. रिपोर्ट के विभिन्न विषयों जैसे मैक्रो-इकोनॉमी, शिक्षा, मानव विकास, स्वास्थ्य, लिंग, आवास, पानी, और स्वच्छता पर मंथन केन्द्रित रहा. इसके अलावा राजनीतिक वैज्ञानिक और कार्यकर्ता डॉ. स्वदेश सिंह ने प्रो एके पांडे और डॉ शमिका रवि के साथ गोलमेज चर्चा में भाग लिया.