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Published : Nov 20, 2020, 6:22 PM IST

Updated : Nov 23, 2020, 3:40 PM IST

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रियल स्टेट इंडस्ट्री को नहीं मिल रहे मजदूर, आने वाले दाम मांग रहे भरपूर

कोरोना काल में सभी कामकाज ठप हो गए थे. इसका असर रियल स्टेट इंडस्ट्री पर भी बहुत बुरा पड़ा है. दूसरों को छत देने वाले रियल स्टेट कंपनियों के मालिक कोरोना काल में खुद परेशान नजर आ रहे हैं. उनका कहना है कि महामारी की वजह से लेबर न होने के कारण सारा कामकाज ठप है.

रियल स्टेट को नहीं मिल रहे मजदूर
रियल स्टेट को नहीं मिल रहे मजदूर

लखनऊ:लॉकडाउन में सब कामकाज ठप हो गए थे. अनलॉक शुरू होने पर जिंदगी धीरे-धीरे पटरी पर आने लगी है. इसके बावजूद लेबर नहीं मिलने से रियल एस्टेट इंडस्ट्री का काम ठप है. रियल एस्टेट का काम करने वाले लोगों का कहना है कि मजदूर न मिल पाने के कारण उन्हें परेशानी हो रही है. काम के लिए जौ मजदूर मिल भी रहे हैं, वो दोगुनी मजदूरी मांग रहे हैं.

रियल स्टेट इंडस्ट्री को नहीं मिल रहे मजदूर.

कोरोना के कारण घर लौटे मजदूर
प्रदेश की राजधानी लखनऊ में अलग-अलग जिलों और राज्यों से काम करने के लिए मजदूर आते हैं, लेकिन लॉकडाउन के कारण वह अपने-अपने घर लौट गए. जिसके बाद अब काम के लिए मजदूर नहीं मिल रहे हैं. इसकी वजह से राजधानी में रियल एस्टेट इंडस्ट्री का काम ठप पड़ा हुआ है.

बढ़ गई मजदूरी

डिजर्व रियल एस्टेट ग्रुप के यूपी हेड संतोष मिश्रा ने ईटीवी भारत से बात करते हुए बताया कि लॉकडाउन के बाद सभी मजदूर अपने-अपने घर लौट गए और अनसॉक के बाद भी वह वापस नहीं आए. अनलॉक के बाद अब मजदूर मिलने में काफी समस्या हो रही है. सबसे बड़ी समस्या यह है कि अब जो मजदूर मिलते भी हैं, उनकी मजदूरी दोगुनी हो गई है. जो मजदूर पहले 300 रुपये मजदूरी लेते थे वह अब 500 से 550 रुपये ले रहे हैं.

डिजर्व ग्रुप के यूपी हेड ने बताया कि कंस्ट्रक्शन के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले मैटेरियल जैसे सीमेंट, मौरंग, सरिया आदि के रेट तो स्थिर हैं, लेकिन मजदूरी महंगी होने की वजह से उन्हें खासा नुकसान उठाना पड़ रहा है.

Last Updated : Nov 23, 2020, 3:40 PM IST

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