लखनऊ:राजधानी के डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान में लाखों के गोलमाल का मामला सामने आया है. यहां मरीजों ने ऑनलाइन पैसे तो जमा किए लेकिन संस्थान के बैंक खाते तक वह रकम पहुंची ही नहीं. वहीं, शियाकत मिलने के बाद हरकत में आए संस्थान प्रशासन ने मामले की जांच के लिए एक मकमेटी का गठन कर दिया है.
जानकारी के मुताबिक लोहिया संस्थान में ओपीडी, भर्ती, दवा और जांच के लिए मरीजों को शुल्क जमा करना पड़ता है. इसके लिए हॉस्पिटल इनफॉरमेशन सिस्टम व्यवस्था लागू है. इसमें मरीज और उनके तीमारदार नगद, ऑनलाइन फीस या फिर कार्ड के माध्यम से पैसे जमा कर सकते हैं. रोजाना करीब आठ लाख संस्थान की आय है जबकि हर माह करीब दो करोड़ से अधिक जमा किए जाते हैं. बताया जा रहा है कि जो नगद शुल्क जमा होता है. वह पैसा संस्थान के बैंक खाते में नियमित जमा हो रही है. ऑनलाइन फीस संस्थान के बैंक खाते तक पहुंच ही नहीं रही है.