उत्तर प्रदेश

uttar pradesh

ETV Bharat / state

गन्ना किसानों के मुद्दे पर सपा ने विधान परिषद से किया वॉकआउट - विधान परिषद से वॉकआउट

उत्तर प्रदेश की विधान परिषद में सपा नेताओं ने गन्ना किसानों के भुगतान का मामला उठाया. किसानों ने इस मुद्दे को लेकर सदन के वेल में उतरकर हंगामा किया. वहीं गन्ना मंत्री सुरेश सिंह राणा की ओर से इसका जवाब भी दिया गया, लेकिन उनके जवाब से असंतुष्ठ सपा नेता सदन से वॉकआउट कर गए.

etv bharat
सपा ने विधान परिषद से किया वॉकआउट.

By

Published : Feb 17, 2020, 11:04 PM IST

लखनऊ: गन्ना किसानों के बकाया भुगतान को लेकर सरकार पर किसान विरोधी होने का आरोप लगाते हुए समाजवादी पार्टी के सदस्यों ने सोमवार को विधान परिषद के वेल में उतर कर हंगामा किया. सरकार को किसान विरोधी करार देते हुए सपा सदस्यों ने कहा कि सरकार किसानों के साथ धोखा कर रही है. गन्ना मंत्री सुरेश राणा के जवाब से असंतुष्ट समाजवादी पार्टी के सदस्य विधान परिषद से वाकआउट कर गए.

विधान परिषद के शून्यकाल में समाजवादी पार्टी के नरेश चंद्र उत्तम, बलराम यादव, आनंद भदौरिया, वासुदेव यादव, उदयवीर सिंह, सुनील सिंह साजन, अरविंद कुमार सिंह, साहब सिंह सैनी, राजपाल कश्यप समेत 28 सदस्यों ने नियम 105 के तहत गन्ना किसानों की बदहाली का मामला उठाया. सूचना की ग्राह्यता पर सपा के शशांक यादव, राम अवध यादव, जितेंद्र यादव, लीलावती कुशवाहा और संजय लाठर ने अपने विचार व्यक्त किए.

सपा ने विधान परिषद से किया वॉकआउट.

गन्ना किसानों का नहीं हो सका है भुगतान
सपा सदस्यों ने सदन को बताया कि इस सरकार ने गन्ने का बकाया 14 दिन के अंदर भुगतान करने का वादा किया था, लेकिन आज तक इस वादे का पालन नहीं किया गया है. गन्ना किसानों को उनके बकाया भुगतान पर ब्याज भी नहीं दिलाया जा रहा है. इस सरकार ने गन्ने की कीमतों में कोई वृद्धि नहीं की है. गन्ने की वर्तमान लागत 310 रुपये प्रति कुंतल से भी अधिक है, लेकिन सरकार गन्ने का मूल्य 315 से 325 रुपये प्रति क्विंटल भुगतान कर रही है. निजी क्रेशर पर 160 से 190 रुपये प्रति क्विंटल में किसानों को गन्ना बेचना पड़ रहा है.

गन्ना पर्ची में धांधली का आरोप
गन्ने की पत्ती हटाने के लिए सरकार की ओर से कोई सहयोग नहीं किया गया और इसे जलाने पर किसानों को जेल भेजा रहा है. गन्ने की वर्तमान कीमत कम से कम 450 रुपये प्रति क्विंटल होना चाहिए. 240 क्विंटल प्रति एकड़ से अधिक की पर्ची नहीं दी जा रही है, जबकि गन्ना उत्पादन 300 क्विंटल प्रति एकड़ से अधिक हो रहा है. गन्ने में रेड रॉट नामक बीमारी का प्रकोप बढ़ता जा रहा है. इसका रसायन बहुत महंगा मिल रहा है, लेकिन सरकार किसानों की कोई मदद नहीं कर रही है. गन्ना क्रय केंद्रों पर ठेकेदार किसानों से जबरदस्ती करवाकर पैसे वसूल रहे हैं. गन्ना पर्ची में भी धांधली की जा रही है.

इसे भी पढ़ें:अखिलेश यादव को जान से मारने की धमकी के मुद्दे पर विधानसभा में चर्चा

गन्ना मंत्री ने सपा सदस्यों को दिया जवाब
सपा सदस्यों की सूचना का जवाब देते हुए गन्ना मंत्री सुरेश सिंह राणा ने सदन को बताया कि किसानों से 800 से 1300 क्विंटल प्रति हेक्टेयर के उत्पादन की दर से गन्ना खरीदा जा रहा है. इसी अनुपात में गन्ना पर्ची जारी की जा रही है. सरकार ने पिछले 3 सालों के दौरान सर्वाधिक गन्ना मूल्य बकाया का भुगतान कराया है. उत्तर प्रदेश को गन्ना उत्पादन में सर्वश्रेष्ठ होने का पुरस्कार मिला है. ऐसे में यह कहना ठीक नहीं है कि उत्तर प्रदेश में गन्ना किसानों की हालत खराब है. उनके इस जवाब से विपक्ष के सदस्य संतुष्ट नहीं दिखे और सदन से वॉकआउट कर गए.

ABOUT THE AUTHOR

...view details