लखनऊ : मलिहाबाद का समीर (10) अपने छोटे भाई आर्यन (7) के साथ स्कूल पढ़ने जा रहा था. इसी दौरान रास्ते में दोनों के ऊपर सियार ने हमला कर दिया. सियार ने छोटे भाई आर्यन के चेहरे और गर्दन को निशाना बनाया, लेकिन समीर ने बहादुरी से उसका मुकाबला करते हुए सियार को भगा दिया. उसके साहस को देखते हुए सोमवार को थाना रहीमाबाद पर राष्ट्रीय मानवाधिकार सुरक्षा परिषद (National Human Rights Protection Council) की टीम ने थाने पर प्रशस्ति पत्र व 2100 रुपये नकद राशि देकर आर्यन को सम्मानित किया. पुरस्कार पाकर समीर और उसका भाई अमन काफी खुश थे. समीर की बहादुरी की प्रशंसा क्षेत्रवासियों द्वारा की जा रही है.
मलिहाबाद थाना क्षेत्र के बेलवा गांव (Belwa village of Malihabad police station area) निवासी राजेंद्र प्रसाद के दो बच्चे गांव के ही प्राइमरी स्कूल में पढ़ते हैं. बड़ा बेटा समीर (10) चौथी कक्षा में पढ़ता है. दूसरा बेटा आर्यन (7) दूसरी कक्षा में है. 23 नवंबर गुरुवार सुबह दोनों बच्चे घर से स्कूल के लिए निकले थे. इसी दौरान रास्ते में अचानक एक सियार ने आर्यन पर हमला कर दिया. सियार ने उसे दबोच लिया और चेहरे पर वार करने लगा. यह देखते ही समीर ने पास पड़े एक डंडे से सियार को मारना शुरू कर दिया और जब तक सियार से भिड़ा रहा, जब तक वह आर्यन को छोड़कर भाग नहीं गया.
राष्ट्रीय मानवाधिकार सुरक्षा परिषद (National Human Rights Protection Council ) के राष्ट्रीय अध्य्क्ष सुबोध श्रीवास्तव (National President Subodh Srivastava) ने बताया कि बीते नवंबर की 23 तारीख को रहीमाबाद के बेलवा गांव के निवासी समीर (Sameer of Belwa village of Rahimabad) ने अपनी जान की परवाह न करते हुए सियार से भिड़ गया था. लियार को भगाकर उसने अपने छोटे भाई की जान बचाई. इस अदम्य साहस व निर्भिकता के लिए उसे बहादुर बच्चे के तौर चुना गया है. इस कड़ी में सोमवार (26 दिसंबर) को थाना रहिमाबाद में राष्ट्रीय मानवाधिकार सुरक्षा परिषद की टीम के सहयोग से थाना प्रभारी अख्तयार अहमद अंसारी (Station Officer Akhtyar Ahmed Ansari) द्वारा समीर को प्रशस्ति पत्र व 2100 रुपये नकद प्रोत्साहन राशि दी गई.
छोटे भाई को सियार के जबड़ों से खींच लाया था 10 साल का समीर, अब मिला ये इनाम
मलिहाबाद के समीर की हर तरफ तारीफ और चर्चा हो रही है. दरअसल समीर ने अपनी जान की परवाह किए बगैर अपने छोटे भाई की जान बचान के लिए खूंखार सियार से भिड़ गया था. घटना 23 नवंबर को स्कूल जाते वक्त हुई थी. समीर के इस अदम्य साहस और बहादुरी के लिए सोमवार को लखनऊ के थाना रहीमाबाद परिसर में प्रशस्ति पत्र और प्रोत्साहन राशि देकर सम्मानित किया गया.
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