लखनऊ : समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव के निर्देश पर मीडिया पैनलिस्ट के रूप में सपा का पक्ष रखने वाली सपा नेता रोली तिवारी मिश्रा व ऋचा सिंह को समाजवादी पार्टी से निष्कासित कर दिया गया है. दोनों नेताओं की तरफ से तमाम तरह की विवादित टिप्पणियों को देखते हुए अखिलेश यादव के निर्देश पर पार्टी ने यह कदम उठाते हुए निष्कासित करने का फैसला किया है, वहीं समाजवादी पार्टी ने पिछले कुछ समय से लगातार तमाम तरह की विवादित टिप्पणियों और बयानबाजी को देखते हुए सभी पार्टी के नेताओं खासकर मीडिया फाइनलिस्ट को नसीहत जारी की है.
Samajwadi Party : विवादित बयान देने पर सपा की दो महिला नेता निष्कासित
समाजवादी पार्टी ने टिप्पणी करने पर दो महिला सपा नेताओं को निष्कासित (Samajwadi Party) कर दिया है. यह कार्रवाई समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव के निर्देश पर की गई है.
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के निर्देश पर पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता व राष्ट्रीय सचिव राजेंद्र चौधरी ने कहा है कि 'हम लोकतंत्र में आस्था रखते हैं और डॉ. राम मनोहर लोहिया के विचारों को लेकर आगे बढ़ रहे हैं, ऐसे में डॉ. लोहिया के विचार और आदर्शों के अनुरूप ही टीवी डिबेट आदि परिचर्चा में आचरण और बयानबाजी करनी चाहिए.' राजेन्द्र चौधरी ने कहा है कि 'समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के निर्देशानुसार सभी कार्यकर्ताओं, पार्टी नेताओं, पदाधिकारियों तथा टी.वी. पैनलिस्ट को यह बात ध्यान में रखना चाहिए कि समाजवादी पार्टी डाॅ. लोहिया के आदर्शों से प्रेरणा लेकर लोकतंत्र, धर्मनिरपेक्षता और समाजवाद में आस्था रखती है.' उन्होंने कहा कि 'समाजवादी पार्टी लोहिया की सप्तक्रान्ति और लोकनायक जयप्रकाश की सम्पूर्ण क्रान्ति तथा सामाजिक न्याय के लिए प्रतिबद्ध है. जातीय जनगणना की मांग भी हम निरंतर करते रहे हैं.' चौधरी ने कहा है कि 'वर्तमान शासन काल में महंगाई चरम पर है. बेरोजगारी की दर बढ़ती जा रही है. किसान, नौजवान सहित समाज का हर वर्ग परेशान है. महिलाओं-बच्चियों को अपमानजनक हालात से गुजरना पड़ रहा है, पूरे प्रदेश में अराजकता की स्थिति व्याप्त है.'
उन्होंने कहा कि 'समाजवादी पार्टी का उद्देश्य जनसामान्य को प्रभावित करने वाले मुद्दों पर पार्टी की नीति और कार्यक्रम को जन-जन तक पहुंचाना है. सत्तारूढ़ दल लगातार बुनियादी मुद्दों से भटकाने का काम करते हैं. हमें उनके बहकावे में नहीं आना है, इसलिए सभी को साम्प्रदायिक मुद्दों पर बहस से परहेज करना चाहिए. हमें राजनीतिक चर्चा और बुनियादी सवालों पर ही अपना पूरा ध्यान रखना है. धार्मिक मुद्दा संवेदनशील मुद्दा है. हमें अनायास उससे सम्बन्धित बहसों में नहीं उलझना चाहिए. राजेन्द्र चौधरी ने खासकर पैनलिस्टों से कहा है कि वे अपने बयान व बहस में इसका विशेष ध्यान रखें.'
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