लखनऊ:उत्तर प्रदेश में बढ़ते कोरोना वायरस के बीच यूपी में 7 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने हैं. ऐसे में समाजवादी पार्टी चुनाव प्रचार के लिए नए तरीके अपनाएगी. सपा एमएलसी सुनील सिंह साजन ने बताया कि वर्चुअल मीटिंग के माध्यम से कार्यकर्ताओं, बूथ अध्यक्ष व नेताओं से संपर्क किया जा रहा है. गांव-गांव जाकर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए लोगों से मुलाकात की जा रही है.
लखनऊ: वर्चुअल मीटिंग के माध्यम से कार्यकर्ताओं से जुड़ रही सपा
उत्तर प्रदेश में होने वाले विधानसभा उपचुनाव को लेकर राजनीतिक पार्टियों ने हुंकार भरनी शुरू कर दी है. कोरोना गाइडलाइन के बीच पार्टियों के नेता बहुत सावधानी से लोगों और कार्यकर्ताओं से मिल रहे हैं. इसी क्रम में सपा ने वर्चुअल मीटिंग के माध्यम से अपने कार्यकर्ताओं से जुड़ना शुरू कर दिया है.
बीजेपी पर साधा निशाना
एमएलसी ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि जनता, भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ बगावत कर रही है. आज जनता की आवाज अखिलेश यादव हैं. सपा के शासन काल में सड़कें बनवाई गई, पुल का निर्माण हुआ था, साथ ही गरीबों को घर, जरूरतमंदों को पेंशन, मुफ्त में इलाज की सुविधा थी. सपा नेता ने दावा किया कि जनता के गुस्से के सामने बीजेपी विधानसभा उपचुनाव में हार का मुंह देखेगी और समाजवादी पार्टी सातों सीटों पर अपना कब्जा जमाएगी.
पिछड़ा व दलित को नहीं माना जाता हिंदू
एमएलसी सुनील साजन ने कहा कि योगी सरकार ने साढे़ तीन साल में कोई विकास का काम नहीं किया है. किसान आत्महत्या कर रहे, बेरोजगार डिग्री लेकर सड़कों पर लाठी-डंडे खा रहे, बहन-बेटियां सुरक्षित नहीं हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि प्रदेश सरकार में पिछड़ा और दलित को हिंदू नहीं माना जाता है. उन्होंने कहा कि अगर हाथरस में विदेशी ताकतों का हाथ था, तो बलरामपुर, आजमगढ़, कानपुर देहात, लखीमपुर में किसका हाथ रहा था?
इन सीटों पर 3 नवंबर को होगा मतदान
उत्तर प्रदेश की 7 विधानसभा सीटों पर 3 नवंबर को चुनाव होना है. राज्य की नौगांवा सादात, बुलंदशहर, टूंडला, बांगरमऊ, घाटमपुर, देवरिया और मल्हनी विधानसभा सीटों का मतदान होना है. 16 अक्टूबर तक नामांकन दाखिल किए जाएंगे, जिनकी जांच 17 अक्टूबर को होगी. इसके बाद नाम वापसी की अंतिम तारीख 19 अक्टूबर होगी और 3 नवंबर को मतदान होगा, जबकि उपचुनाव के नतीजे 10 नवंबर को घोषित किए जाएंगे. बता दें कि इन सीटों में 6 पर बीजेपी का और एक पर समाजवादी पार्टी का कब्जा था.