लखनऊ : समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव (National President Akhilesh Yadav) ने सोमवार को कानपुर से लखनऊ आ रही खटारा बस की एक फोटो ट्विट कर दी. उन्होंने लिखा ‘खटारा सरकार की खटारा बस!’ बस की हालत यही बयां कर रही थी कि भला इस बस में कैसे यात्री सफर करते होंगे, लेकिन जब वास्तविकता सामने आई तो अखिलेश को भी अपने किए गए इस ट्वीट पर सोचने को मजबूर होना पड़ गया. रोडवेज प्रशासन ने जवाब दिया कि बस मेंटेनेंस के लिए जा रही थी. बस में कोई यात्री नहीं था. यह दुष्प्रचार किया गया है. जानबूझकर विभाग की छवि खराब करने के लिए बस की तस्वीर पोस्ट की गई है.
दरअसल, रायबरेली डिपो की एक बस कानपुर से लखनऊ की तरफ आ रही थी. बस बुरी तरह क्षतिग्रस्त थी. बस का पिछला हिस्सा पूरी तरह खुला हुआ था, जिससे सीटें साफ नजर आ रही थीं. नंबर प्लेट गायब थी. बस काला धुंआ भी उगल रही थी. सपा मुखिया अखिलेश यादव ने इस बस की फोटो अपने ट्विटर हैंडल से साझा कर दी. उस पर कैप्शन लिखा खटारा सरकार की खटारा बस. देखते ही देखते फोटो वायरल हो गई. परिवहन निगम के अधिकारियों में भी खलबली मच गई. रोडवेज के अधिकारियों ने मामले की गंभीरता को देखते हुए तत्काल बस की पड़ताल शुरू कर दी. जब स्थिति स्पष्ट हो गई तो पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के ट्वीट का जवाब भी दिया गया.
सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक रायबरेली डिपो ने बताया कि जिस तस्वीर को पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने ट्विट किया है, उस बस में एक भी यात्री नहीं था. कानपुर से लखनऊ आते वक्त बस में पीछे से किसी वाहन ने टक्कर मार दी थी, जिसकी वजह से बस का पिछला हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया था. बस को मरम्मत के लिए क्षेत्रीय कार्यशाला लखनऊ लाया जा रहा था. इसी बीच फोटो खींचकर वायरल कर दी गई, जिससे विभाग की छवि धूमिल हुई है.
एक दर्जन बिंदुओं की जांच के बाद ही रवाना होंगी बसें : उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम की बसों में होने वाली घटनाओं को लेकर परिवहन निगम के मुख्य प्रधान प्रबंधक प्राविधिक की तरफ से सख्त निर्देश जारी किए गए हैं. उन्होंने बताया कि अब डिपो से निकलने से पहले रोडवेज बसों की कई बिंदुओं की फिटनेस जांच की जाएगी. इस संबंध में प्रदेश भर के सभी 20 सेवा प्रबंधकों के साथ वर्चुअल बैठक कर सख्त दिशा निर्देश जारी किए गए.
परिवहन निगम के प्रधान प्रबंधक (टेक्निकल) संजय शुक्ला बताते हैं कि रोडवेज बसों की फिटनेस को लेकर 13 बिंदुओं पर जांच करने के लिए सामान्य परिचालन प्रक्रिया यानी एसओपी को अपनाने के निर्देश दिए गए हैं. जिससे बसों में आए दिन होने वाली तकनीकी खामियों को डिपो के अंदर ही दूर कर लिया जाए. एमडी ने बसों में यात्रियों की सुरक्षा के मद्देनजर यह फैसला लिया है.
इन बिंदुओं की होगी जांच
- इंजन ऑयल लीकेज तो नहीं
- फ्यूज वायर ठीक है या नहीं
- एलटी वायर जुड़ा तो नहीं
- बैट्री से जुड़े तार टाइट हैं
- अग्निशमन यंत्र काम कर रहा है या नहीं.
- आपातकालीन द्वार ठीक है या नहीं
- बैट्री बॉक्स से वायर बाहर तो नहीं
- वायरिंग में ज्वाइंट तो नहीं
- डैश बोर्ड में सभी स्विच लगे हैं या नहीं
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