लखनऊः पंचायत चुनाव में मिली हार की समीक्षा के लिए एसपी सुप्रीमो अखिलेश यादव ने एक बैठक बुलाई. जिसमें पार्टी जिला अध्यक्षों और अहम नेताओं ने शिरकत की. इस दौरान एसपी नेता अमरेंद्र निषाद सीएम योगी पर हमला बोलते हुए शब्दों की मर्यादा भी भूल गए. उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की गुंडे और मवाली से तुलना की. इसके साथ ही बैठक में शामिल लोगों ने चुनाव में मिली हार को सत्ता का दुरुपयोग बताया. हालांकि कुछ नेताओं ने स्थानीय स्तर पर समाजवादी पार्टी के नेताओं के बीच एकजुटता न होने की वजह से भी चुनाव में हार होना बताया.
सूत्रों का कहना है कि समाजवादी पार्टी सुप्रीमो अखिलेश यादव इस समीक्षा बैठक के बाद कुछ जिलों में संगठन के स्तर पर फेरबदल कर सकते हैं. वहीं प्रदेश स्तर पर भी कुछ महत्वपूर्ण फेरबदल के संकेत मिल रहे हैं. समीक्षा बैठक में पार्टी के सभी जिला अध्यक्ष महानगर अध्यक्ष विधायक एमएलसी और प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम सहित तमाम बड़े नेता उपस्थित रहे. समाजवादी पार्टी कार्यालय पर आज बैठक से पहले समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव रामगोपाल यादव भी आए और अखिलेश यादव से संगठन तंत्र को मजबूत करने व अन्य चुनावी विषयों को लेकर भी बातचीत की.
चुनाव हारने के बाद मर्यादा भूले SP नेता इस समीक्षा बैठक के पहले अखिलेश ने पंचायत चुनाव में हार की वजहों को लेकर एक रिपोर्ट भी तलब की थी. मंगलवार की बैठक में पार्टी के प्रदेश भर के जिला अध्यक्ष शामिल हुए. जिसमें विधायक और एमएलसी भी मौजूद रहे. पार्टी नेताओं का कहना है कि पंचायत चुनाव में जिला पंचायत अध्यक्ष की बात हो या ब्लॉक प्रमुख अध्यक्ष के निर्वाचन की बीजेपी सरकार ने सत्ता का जमकर दुरुपयोग किया. 2022 के विधानसभा चुनाव को लेकर संगठन स्तर पर मजबूती को लेकर राष्ट्रीय अध्यक्ष दिशा निर्देश दे रहे हैं. इसके अलावा हर स्तर पर तैयारी की जा रही है.
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एसपी नेता अमरेंद्र निषाद ने कहा कि ब्लॉक प्रमुख चुनाव में बीजेपी सरकार के साथ प्रशासन ने भरपूर उत्पीड़न किया है. गुंडागर्दी करते हुए चुनाव जीता गया है. समाजवादी पार्टी के प्रत्याशियों के पर्चे फाड़े गए हैं. नामांकन नहीं करने दिया गया है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के स्तर पर ये सब कार्रवाई कराई गई है. विधानसभा चुनाव को लेकर हम लोग तैयारी कर रहे हैं और संगठन को मजबूत करने का काम किया जा रहा है. राष्ट्रीय अध्यक्ष ने भी संगठन के स्तर पर मजबूती और चुनाव की तैयारियों को तेज करने के लिए दिशा निर्देश सभी पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं को दिए हैं. उन्होंने कहा है कि सभी जिला मुख्यालयों पर जिला और महानगर इकाइयों की ओर से धरना प्रदर्शन किया जाए. सरकार की तानाशाही का भरपूर विरोध किया जाए. राष्ट्रपति और राज्यपाल को संबोधित ज्ञापन दिया जाए. जिसमें पंचायत चुनाव के दौरान जिस तरह से बीजेपी की सरकार और प्रशासन ने दुरुपयोग करके चुनाव जीता है. उसकी जानकारी ज्ञापन के माध्यम से दी जाए.