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अखिलेश यादव ने शुरू किया समाजवादी पार्टी का सदस्यता अभियान, संगठन मजबूत करने की कवायद

समाजवादी पार्टी लगातार चुनावों में हार के कारण अपने संगठन को फिर से मजबूत करना चाहती है. इसके लिए पार्टी ने मंगलवार से प्रदेशभर में सदस्यता अभियान शुरुआत की.

अखिलेश यादव
अखिलेश यादव

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Published : Jul 5, 2022, 8:54 AM IST

Updated : Jul 5, 2022, 1:55 PM IST

लखनऊ: समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव को पिछले कई चुनाव से मिल रही लगातार हार के बाद अब वह संगठन मजबूती को लेकर सक्रिय हो रहे हैं. समाजवादी पार्टी के सदस्यता अभियान की शुरुआत आज खुद सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने की. प्रेस कॉन्फ्रेंस के माध्यम से उन्होंने सदस्यता अभियान का आगाज किया. इसके तहत प्रदेश भर में समाजवादी पार्टी के सदस्य बनाने का अभियान चलाया जाएगा जाएगा.

समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि गांव-गांव जाकर समाजवादी पार्टी लोगों को सदस्य बनाने का काम करेगी. लखनऊ से जो नेता चुनाव लड़े हैं, उन्हें सदस्य बनाया गया है. सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कवि उदय प्रताप सिंह को सदस्य बनाया और उन्हें पर्ची दी. सदस्यता अभियान के बाद संगठन का पुनर्गठन किया जाएगा. रामपुर, आजमगढ़ उपचुनाव हारने के सवाल पर उन्होंने कहा कि समीक्षा की जा रही है. अखिलेश यादव ने कहा कि डिजिटल और ऑफलाइन माध्यम से सदस्यता अभियान चलाया जाएगा. जल्द ही एप भी लांच करेंगे.

अखिलेश यादव प्रेस कॉन्फ्रेंस

खिलेश यादव ने कहा कि योगी सरकार 100 दिन की उपलब्धि बता रही है. सरकार के कामकाज की पोल डिप्टी सीएम ने खोल दी है. यह वे डिप्टी सीएम हैं, जिन्होंने सबसे ज्यादा छापे मारे हैं. अन्याय और भ्रष्टाचार चरम पर है. उन्होंने कहा कि डिप्टी सीएम के छापे के बाद से क्या कार्रवाई हुई है. सरकार में कुछ ताकतें ऐसी हैं जो पीछे से सरकार चला रही हैं. यूपी दारोगा भर्ती में भ्रष्टाचार हुआ है. सरकार में धांधली और फर्जीवाड़ा हुआ है. समाजवादी सरकार के समय के कामकाज को आगे बढ़ाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे के आधे-अधूरे उद्घाटन की तैयारी की जा रही है.

समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि जिला स्तर और मंडल स्तर पर नेता जाएंगे और सदस्य बनाएंगे. डिजिटल प्लेटफार्म के माध्यम और ऐप के माध्यम से भी सदस्य बनाने का काम किया जाएगा. सभी आयु वर्ग के लोगों को सदस्य बनाया जाएगा. उन्होंने कहा कि सदस्यता अभियान के लिए वे भी जाएंगे. ओमप्रकाश राजभर या किसी को समाजवादी पार्टी को सलाह देने की जरूरत नहीं है. राजभर के बार-बार सवाल पर उन्होंने कहा कि जो राजनीति दिख रही है वह है नहीं. कोई भी पीछे हो सकता है. राष्ट्रपति चुनाव भी समाप्त होने वाला है. उन्होंने कहा कि कोई कह रहा है कि बसपा से कोई राष्ट्रपति बनेगा. लेकिन, कुछ नहीं हुआ.

समाजवादी पार्टी के संगठन में नए-पुराने सारे नेता और कार्यकर्ता को मौका देने का काम किया जाएगा. जातीय जनगणना के सवाल पर उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी का मानना है कि जातीय जनगणना होनी चाहिए. सेना भर्ती योजना को लेकर कहा कि वे इससे सहमत नहीं हैं. उन्होंने कहा कि ईडी का केंद्र सरकार दुरुपयोग कर रही है. महाराष्ट्र में ईडी के दम पर सरकार बनाई गई है. अखिलेश यादव ने आज जिन नेताओं को सदस्य बनाया हैं उनमें सपा विधायक रविदास मेहरोत्रा, चुनाव लड़ने वाले अभिषेक मिश्रा, सुशीला सरोज, अनुराग भदौरिया सहित कई नेता शामिल हैं.

समाजवादी नेता व कवि उदय प्रताप सिंह ने कहा कि वे लोकतंत्र को मजबूत करना चाहते हैं. इसीलिए यह अभियान शुरू किया गया है. उन्होंने कहा कि जैसी स्क्रिप्ट लिखी हुई है, उसी तरह सरकार काम कर रही है. कहा कि समाजवादियों को कैसे बदनाम किया जाए, यह प्रयास रहता है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सदन में बयान दिया था कि समाजवाद की अब कोई जरूरत नहीं रही. उन्होंने ये कसम खाई कि समाजवाद हम नहीं रहने देंगे. उन्होंने कहा कि अब लोकतंत्र खतरे में है. कवि उदय प्रताप सिंह नेकहा कि जितनी घटनाएं घट रही हैं. वह सब निंदनीय हैं. उदयपुर वाली घटना क्रिया की प्रतिक्रिया है. लोकतंत्र को बचाना सबकी जिम्मेदारी है.

सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा है कि समाजवादी पार्टी का विश्वास ऐसी राज व्यवस्था में है, जिसमें आर्थिक एवं राजनीतिक सत्ता का विकेन्द्रीकरण निश्चित रूप से हो. समाजवादी पार्टी शांतिप्रिय तथा लोकतांत्रिक तरीकों से विरोध प्रकट करने के अधिकार को मान्यता प्रदान करती है. उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी विधि द्वारा स्थापित भारत के संविधान के प्रति सच्ची श्रद्धा एवं निष्ठा बनाए रखने की पक्षधर है. उनमें सन्निहित समाजवाद, धर्मनिरपेक्षता और प्रजातंत्र के सिद्धांतों के लिए प्रतिबद्ध है.

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समाजवादी पार्टी का सदस्यता अभियान 2017 में चलाया गया था. उसके बाद से समाजवादी पार्टी ने इस अभियान को नहीं चलाया. अखिलेश यादव के निर्देशन में समाजवादी पार्टी की गतिविधियां आगे बढ़ रही थीं. लेकिन, सदस्य बनाकर संगठन मजबूती का विस्तृत कार्यक्रम नहीं किया गया. वहीं, 2022 का विधानसभा चुनाव समाजवादी पार्टी हार गई और सरकार बनाने में सफल नहीं हो पाई. इसके अलावा लोकसभा के उपचुनाव में रामपुर और आजमगढ़ जैसी खुद की जीती हुई सीटें भी समाजवादी पार्टी नहीं जीत पाई. इसके बाद अखिलेश यादव ने पार्टी की सभी इकाइयों को भंग कर दिया और अब वह संगठन मजबूती पर न सिर्फ चिंतित हैं, बल्कि सक्रिय होकर काम करना शुरू कर रहे हैं.

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Last Updated : Jul 5, 2022, 1:55 PM IST

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