लखनऊः रामचरित मानस पर बिहार के शिक्षा मंत्री प्रो. चंद्रशेखर के विवादित बयान के बाद अब उत्तर प्रदेश के समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता व विधान परिषद सदस्य स्वामी प्रसाद मौर्य ने आपत्तिजनक बयान दिया है. उन्होंने रविवार के मीडिया से बातचीत में रामचरित मानस के दोहे और चौपाइयों पर आपत्ति जताई. कहा कि तुलसी दास की रामचरित मानस के दोहों में धर्म की आड़ में दलितों, पिछड़ों और महिलाओं का अपमान किया गया है. इसमें 52% आबादी के बारे में गलत बातें लिखी गई हैं.
मौर्य बोले, रामचरित मानस को किया जाए प्रतिबंधित
सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि रामचरित मानस को प्रतिबंधित कर देना चाहिए. अगर सरकार रामचरित मानस को प्रतिबंधित नहीं कर सकती है तो उन चौपाइयों को ही निकाल देना चाहिए, जिनमें पिछड़ों दलितों का अपमान किया गया है. सपा नेता ने कहा कि रामचरित मानस में धर्म के नाम पर विशेष जाति का अपमान किया गया है. कहा कि रामचरितमानस को पूरी तरह से प्रतिबंधित कर देना चाहिए. मुझे रामचरित मानस के कुछ हिस्सों पर आपत्ति है.
ब्राह्मणों को मौर्य ने अनपढ़-गंवार कहा
उन्होंने आगे कहा कि ब्राह्मण भले ही अनपढ़, गंवार हो, लेकिन वह ब्राह्मण है तो उसे पूजनीय बताया गया है, लेकिन शूद्र कितना भी ज्ञानी, विद्वान या फिर ज्ञाता हो, उसका सम्मान मत करिए, क्या यही धर्म है? अगर यही धर्म है तो ऐसे धर्म को मैं नमस्कार करता हूं. जब इनकी किसी बात पर टिप्पणी की जाती है, तो मुट्ठीभर धर्म के ठेकेदार, जिनकी इसी पर रोजी-रोटी चलती है, वह कहते हैं कि हिंदू भावना आहत हो रही है लेकिन जो मुझे ठीक लगता है मैं वही कहता हूं.
स्वामी प्रसाद मौर्य रामचिरत मानस को नहीं मानते धार्मिक ग्रन्थ
सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि हम रामचिरत मानस को एक धार्मिक ग्रन्थ नहीं मानते हैं. इसमें जाति और धर्म का अपमान किया गया है. सपा नेता स्वामी प्रसाद ने इसके साथ ही भाजपा को हिन्दू विरोधी भी बताया. कहा कि भाजपा हिंदू विरोधी पार्टी है. उन्होंने भाजपा के लोकसभा चुनाव 2024 में यूपी की 80 सीट जीतने के लक्ष्य पर कहा कि भाजपा मुंगेरीलाल के हसीन सपने देख रही है, जो कभी पूरे नही होने वाले हैं.सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने बागेश्वर धाम को लेकर भी सरकार पर हमला बोला.