पीलीभीतः जिला पंचायत अध्यक्ष का चुनाव इस बार सपा और भाजपा के लिए नाक की लड़ाई हो गई है. चुनाव की अधिसूचना जारी होने के साथ ही जिला पंचायत सदस्यों की गोलबंदी में दोनों पार्टियां लग गईं, लेकिन नामांकन के दिन दोपहर तक जिस तरह की राजनीति देखने को मिली वो शाम होते-होते सुर्खियां बन गईं. कई जिलों में सपा के प्रत्याशी या तो नामांकन नहीं करा पाए या फिर उनका नामंकन खारिज हो गया.
नतीजा यह रहा है कि वोटिंग के पहले ही बीजेपी प्रदेस की 16 सीटों पर निर्विरोध हो गई. लिहाजा समाजवादी पार्टी ने न सिर्फ भाजपा पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं. पीलीभीत में बीजेपी उम्मीदवार के खिलाफ दाखिल कराए गए आपत्ति को खारिज होने पर प्रदेश के पूर्व मंत्री हेमराज वर्मा ने कहा कि बीजेपी की तरफ से जिलाधिकारी जिला पंचायत का चुनाव लड़ रहे हैं.
दरअसल, भाजपा छोड़कर समाजवादी पार्टी का दामन थामने वाले स्वामी प्रवक्तानंद को सपा ने अपना प्रत्याशी घोषित किया है. वही भाजपा ने डॉ. दलजीत कौर पर दांव लगाया है. दोनों ही प्रत्याशियों ने बीते शनिवार को जिला कलेक्ट्रेट पहुंचकर अपना अपना नामांकन पत्र दाखिल किया. इस दौरान सपा के जिला पंचायत सदस्य दिग्विजय सिंह ने भाजपा प्रत्याशी दलजीत कौर के नामांकन को लेकर एक आपत्ति दाखिल करते हुए जिला प्रशासन को अवगत कराया गया कि जातिगत प्रमाण पत्र फर्जी रूप से बनवाया गया है.
शिकायतकर्ता का कहना था कि जिला पंचायत सदस्य पद का चुनाव लड़ते हुए भाजपा प्रत्याशी ने खुद को सामान्य जाति का जाट सिख घोषित किया. वहीं जब जिला पंचायत अध्यक्ष पद की बात आई तो प्रशासन को गुमराह करते हुए भाजपा प्रत्याशी ने खुद को ओबीसी करार दिया, जिसके बाद जिला प्रशासन ने आपत्ति के निस्तारण को लेकर तमाम पत्रावली खगाल डाली और तमाम जद्दोजहद के बाद देर रात लगभग 10 बजे मौखिक आदेश जारी कर आपत्ति को निरस्त कर दिया.