लखनऊ :पूर्व मंत्री और वरिष्ठ सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने एक बार फिर विवादित बयान देकर पार्टी को मुसीबत में डाल दिया है. रविवार को वह एक कार्यक्रम में कह गए कि हिंदू कोई धर्म ही नहीं है. ब्राह्मण धर्म को ही लोग हिंदू धर्म कहने लगे हैं. इससे पहले स्वामी प्रसाद मौर्य हिंदुओं और रामचरित मानस को लेकर विवादित बयान दे चुके हैं. स्वामी प्रसाद मौर्य के बयानों का तीखा विरोध भी हुआ और बाद में सपा ने ऐसे बयानों से कन्नी भी काट ली. ताजा बयान से एक बार फिर पार्टी में विरोधाभास सामने आने लगा है. पूर्व मंत्री और वरिष्ठ सपा नेता मनोज पांडेय ने कहा है कि किसी भी नेता को बादल की ओर मुंह करके नहीं थूकना चाहिए, क्योंकि में छींटे अपने ऊपर ही आती हैं. इन दिनों ऐसे बयानों पर चर्चा तेज है कि सपा को ऐसे बयानों का फायदा कम और नुकसान ज्यादा हो सकता है.
गौरतलब है कि पिछले दिनों पूर्व मंत्री और वरिष्ठ सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा था कि समाज में सारी विषमता का कारण ब्राह्मणवाद ही है. हिंदू धर्म नाम का कोई धर्म है ही नहीं. हिंदू धर्म केवल धोखा है. सही मायने में जो ब्राह्मण धर्म हैं, उसी ब्राह्मण धर्म को हिंदू धर्म कहकर के इस देश के दलितों, आदिवासियों और पिछड़ों को अपने भ्रम के जाल में फंसाने की इनकी एक साजिश हैं. इस बयान पर नाराजगी जाहिर करते हुए अयोध्या के संत स्वामी परमहंस आज समाजवादी पार्टी के मुख्यालय पहुंचे थे. उन्होंने कहा कि वह सपा अध्यक्ष से मिलकर चर्चा करने के लिए आए हैं. यदि अखिलेश यादव मिलेंगे तो ठीक है, यदि नहीं मिलेंगे तो चले जाएंगे. स्वामी परमहंस कहते हैं कि स्वामी प्रसाद मौर्य जिस पार्टी में रहे हैं, उसका नुकसान ही किया है. सपा में आने के बाद से ही वह लगातार अनर्गल बयानबाजी कर रहे हैं. अखिलेश यादव ने कहा था कि यदि उनकी सरकार आएगी तो वह दुनिया की सबसे बड़ी परशुराम की मूर्ति बनवाएंगे. अब यह पार्टी अध्यक्ष के विरोध वाला बयान दे रहे हैं. वह कहते हैं कि अखिलेश यादव से मिलकर अपना दुख और शिकायत दर्ज कराना चाहता हूं. वह कहते हैं कि यदि अखिलेश यादव उनसे मिलते हैं तो वह उनसे कहेंगे कि या तो स्वामी प्रसाद अपनी टिप्पणी के लिए क्षमा मांगे अथवा उन्हें सपा से निष्काशित क्या जाए.