लखनऊ: यूपी विधानसभा चुनाव 2022 (UP Assembly Election 2022) में दोबारा सत्ता की सियासी कुर्सी पर काबिज होने के लिए समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) हर स्तर पर अपनी तैयारियों को आगे बढ़ा रही है. एक तरफ जहां अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने विजय रथ यात्रा की शुरुआत की है. वहीं, समाजवादी पार्टी ने अब दलित वोट बैंक में सेंधमारी के लिए एक बड़ी योजना तैयार की है. समाजवादी पार्टी में दलितों को पार्टी से जोड़ने को लेकर पार्टी में फ्रंटल संगठन बनाया है. इस संगठन का नाम बाबा साहेब वाहिनी दिया गया है और इसके अध्यक्ष बसपा से सपा में आये मिठाई लाल भारती को बनाया गया है. दरअसल, अखिलेश यादव ने उत्तर प्रदेश में दलितों के वोट बैंक की सियासत करने वाली बहुजन समाज पार्टी जिस प्रकार दलितों से दूर जा रही है, ऐसी स्थितियों का आकलन करते हुए दलित वोट बैंक को सहेजने के लिए यह बड़ा कदम उठाया है.
दलितों को लुभाने की कोशिश
उत्तर प्रदेश में 20 से 21 फीसद दलितों के वोट को पार्टी के पक्ष में लामबंद करने को लेकर समाजवादी पार्टी ने बहुजन समाज पार्टी के वरिष्ठ नेता रहे मिठाई लाल भारती को राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया है. पूर्वांचल में अच्छी पकड़ रखने वाले मिठाई लाल भारती के माध्यम से समाजवादी पार्टी दलितों को पार्टी से जोड़ने और सरकार बनने पर दलितों की भागीदारी सुनिश्चित करने को लेकर कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाह रही है. यही कारण है कि अंबेडकर जयंती पर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बाबा साहेब वाहिनी के गठन का ऐलान किया था. अब समाजवादी पार्टी ने बाबासाहेब वाहिनी का गठन करके दलितों को लुभाने की कोशिश करना शुरू कर दिया है.
पहली बार बनाया दलितों के लिए संगठन
पिछड़ों, अति पिछड़ों और अल्पसंख्यकों को मुख्य रूप से लेकर चलने वाली समाजवादी पार्टी ने पहली बार दलितों को जोड़ने के लिए अलग से फ्रंटल संगठन बनाया है. ऐसे में बसपा से ही आने वाले व कई मंडलों के कोऑर्डिनेटर के रूप में जिम्मेदारी निभा चुके बलिया के रहने वाले मिठाई लाल भारती को यह बड़ी जिम्मेदारी दी गई है. जिससे मिठाई लाल भारती के माध्यम से समाजवादी पार्टी बहुजन समाज पार्टी के दलित वोट बैंक में सेंधमारी करें और काफी हद तक दलितों को पार्टी के साथ जोड़ने में सफल हो सके.