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दो मदरसा शिक्षकों की हार्ट अटैक से मौत, वेतन न मिलने से चल रहे थे परेशान - लखनऊ खबर

यूपी के महराजगंज और कुशीनगर जिले के रहने वाले मदरसा शिक्षकों की हार्ट अटैक से आकस्मिक मौत हो गई. आरोप है कि यह दोनों मदरसा शिक्षक लम्बे समय से मानदेय न मिलने के कारण परेशान चल रहे थे. इनकी मौत पर मदरसा आधुनिकीकरण शिक्षक एसोसिएशन ने भी शोक व्यक्त किया है.

सैलरी न मिलने से परेशान दो मदरसा शिक्षकों की हार्ट अटैक से मौत.
सैलरी न मिलने से परेशान दो मदरसा शिक्षकों की हार्ट अटैक से मौत.

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Published : Dec 10, 2020, 5:44 PM IST

लखनऊ: यूपी के महराजगंज और कुशीनगर जिले के रहने वाले मदरसा शिक्षक सुनील कुमार यादव और जितेंद्र कुमार गुप्ता की हार्ट अटैक से आकस्मिक मौत हो गई. आरोप है कि यूपी के यह दोनों मदरसा शिक्षक लम्बे समय से मानदेय न मिलने के कारण परेशान चल रहे थे. इन मदरसा शिक्षकों के घरवालों का आरोप है कि वेतन न मिलने के कारण पिछले 5 वर्षों से यह शिक्षक दरबदर भटकने को मजबूर थे और आर्थिक तंगी और मायूसी के चलते उनकी हार्ट अटैक से मौत हो गई. जिसपर मदरसा आधुनिकीकरण शिक्षक एसोसिएशन ने भी शोक व्यक्त किया है.

सैलरी न मिलने से परेशान दो मदरसा शिक्षकों की हार्ट अटैक से मौत.

मृतक शिक्षकों के परिजनों ने लगाया आरोप
यूपी के बलरामपुर जिले के एक मदरसा शिक्षक की कुछ दिनों पहले हुई मौत के बाद अब जिला महराजगंज के मदरसा शिक्षक सुनील कुमार यादव और कुशीनगर के मदरसा शिक्षक जितेंद्र कुमार गुप्ता की हार्ट अटैक से मौत हो गई. मृतक सुनील कुमार यादव महराजगंज जिले के मदरसा अशरफिया अहले सुन्नत बदरूल लूम हर लालगढ़ में बच्चों को शिक्षा प्राप्त कराते थे. मृतक जितेंद्र कुमार गुप्ता मकतब इस्लामिया अहलादपुर पठेरवा कुशीनगर में मदरसे के बच्चों को शिक्षा प्रदान करते थे. मृतक शिक्षकों के परिजनों का आरोप है कि यह शिक्षक काफी लंबे समय से अपने वेतन की मांग को लेकर दरबदर भटकने को मजबूर थे. पिछले 5 सालों से इनको इनका मानदेय न मिलपाने के कारण यह आर्थिक तंगी से जूझ रहे थे, जिसके कारण यह उदास और मायूस रहने लगे थे और सदमे के चलते इनकी मौत हो गई.

मदरसा आधुनिकीकरण शिक्षक एसोसिएशन ने जताया शोक
इस्लामिक मदरसा आधुनिकीकरण शिक्षक एसोसिएशन ने इन मदरसा शिक्षकों की दुखद मौत पर अफसोस का इजहार करते हुए अधिकारियों के उदासीन रवैया के खिलाफ नाराजगी जताई. मदरसा आधुनिकीकरण शिक्षक एसोसिएशन के अध्यक्ष एजाज अहमद ने दुख का इजहार करते हुए कहा कि अगर सरकार ने इन मदरसा टीचरों को वक्त पर मानदेय दिया होता तो इन मदरसा टीचर्स की आकस्मिक मौत न होती. एजाज अहमद ने कहा कि इन शिक्षकों को केंद्र सरकार के शिक्षा मंत्रालय द्वारा 5 साल से मानदेय नहीं दिया गया था. करीब 6 महीने हो गए राज्यांस मानदेय भी नहीं मिला था. जबकि प्रधानमंत्री ने 220 करोड़ रुपये मौजूदा सत्र के लिए बजट प्रावधान किया था, लेकिन शिक्षा मंत्रालय के अधिकारियों की उदासीनता के चलते आधुनिकीकरण शिक्षकों को समय से मानदेय नहीं मिल पा रहा है और एक के बाद एक 10 दिनों के भीतर तीन शिक्षक आर्थिक तंगी से जूझते हुए अपनी जान गवां चुके है.

आधुनिकीकरण शिक्षकों के साथ सौतेला व्यवहार कर रही सरकार
एजाज अहमद ने कहा कि न तो उत्तर प्रदेश अल्पसंख्यक कल्याण विभाग और न ही भारत सरकार का शिक्षा मंत्रालय इसकी जिम्मेदारी ले रहा है. सबसे ताज्जुब की बात है 5 साल मानदेय न मिलने के बाद जब शिक्षक मरता है तो उसको कोई बीमा और कोई सरकारी सहायता प्राप्त नहीं होती, जबकि दूसरे विभागों में सबका बीमा होता है. आधुनिकीकरण शिक्षकों के साथ सौतेला व्यवहार करते हुए उनका बीमा तक नहीं कराया जाता है और उनके परिवार को उनके मरने के बाद किसी भी प्रकार की सहायता नहीं दी जाती है जो सही नही है. एजाज अहमद ने मांग की कि सरकार को इस मामले में संज्ञान लेना चाहिए.

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