सहारनपुर:पुलिस ने गैंगस्टर, दुष्कर्म, पॉस्को और धोखाधड़ी समेत कई मामलों में वांछित चल रहे बसपा के पूर्व MLC एवं खनन माफिया हाजी इकबाल के भाई पूर्व MLC महमूद अली को गिरफ्तार कर लिया है. महमूद अली की गिरफ्तारी नवी मंबई के नेरुल स्थित एक किराए के फ्लैट से हुई है. हालांकि खनन माफिया हाजी इकबाल अभी भी फरार है. MLC भाइयों एवं हाजी इकबाल के बेटों के खिलाफ कई थानों में अवैध खनन करने, धोखाधड़ी एवं धमकी देकर जमीन कब्जाने, जानलेवा हमला करने, सामूहिक दुष्कर्म समेत दर्जनों मुकदमे दर्ज हैं. लंबे समय से फरार चल रहे महमूद अली पर सहारनपुर पुलिस ने 25 हजार का इनाम घोषित किया था. हाजी इकबाल के तीन बेटे पहले ही गिरफ्तार किए जा चुके हैं. पूर्व MLC महमूद अली की गिरफ्तारी से जनपद में तरह-तरह की चर्चाएं हो रही हैं. जानकारी के मुताबिक गिरफ्तार हुए महमूद अली को रविवार की शाम तक सहारनपुर लाया जाएगा.
गौरतलब है कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश की हुकूमत खनन माफिया हाजी इकबाल के कोठी नंबर 4420 से हुआ करती थी. अकूत संपत्ति के चलते हाजी इकबाल तत्कालीन मुख्य मंत्री एवं बसपा सुप्रीमो मायावती का नजदीकी बन गया था. यही वजह है कि प्रशासनिक अधिकारियों समेत नेता-मंत्री उसके कोठी पर जी हुजूरी करते थे. कोठी नंबर 4420 से ही अवैध खनन के काले कारोबार को अंजाम दिया जाता था. मंत्रालय और सचिवालय में मजबूत पकड़ बनाने के लिए धन बल पर हाजी इकबाल 2010 में बसपा टिकट पर MLC बना था. यही नहीं जब 2016 में कार्यकाल पूरा हुआ तो अपने छोटे भाई महमूद अली को MLC बनवा दिया. यह कोठी अवैध तरीके बनाई गई थी जिसके चलते SDA ने कोठी को ध्वस्त कर दिया.
एक दौर रहा जब सहारनपुर जिले में ही नहीं समूचे उत्तर प्रदेश में खनन कारोबारी के रूप में हाजी इकबाल का एक छत्र राज हुआ करता था. जहां मन चाह वहां खुदाई कर दी. कोई अधिकारी हाजी इकबाल के खिलाफ कार्रवाई करना तो दूर रोकने की भी हिम्मत नहीं रखता था. अवैध खनन से हुई काली कमाई से हाजी इकबाल ने करोड़ों-अरबों रुपये की अकूत संपत्ति का बेताब बादशाह बन गया. आलम यह रहा कि सरकारी-गैरसरकारी जिस जगह पर इकबाल ने हाथ रख दिया. वह उसकी हो गई. हाजी इकबाल ने तत्कालीन मायावती सरकार के साथ मिलकर महज 300 करोड़ रुपये में 17 चीनी मिलों को खरीद लिया था. खास बात ये है हाजी इकबाल ने इन मिलों एवं अन्य अवैध संपत्तियों को अपने नौकरों और चहेतों के नाम करवाया हुआ था ताकि जांच पड़ताल में वह साफ-साफ बच सके.
बात यहीं खत्म नहीं होती हाजी इकबाल और MLC महमूद अली ने थाना मिर्जापुर इलाके में गरीब असहाय किसानों की जमीनों को जबरन कब्जाना शुरू कर दिया. किसानों को डरा धमका कर, उनके खिलाफ झूठे मुकदमे दर्ज करा कर उनकी जमीनों पर कब्जा कर लिया था. इतना ही नहीं धोखाधड़ी कर फर्जी तरीके से उनकी जमीन को अपने गुर्गों के नाम करा देता था. सैकड़ों किसानों की हजारों बीघा जमीन धोखाधड़ी कर ओने-पौने दामों में खरीद ली गई. ऐसे में अगर कोई किसान विरोध करता तो उनके साथ न सिर्फ मारपीट की जाती थी बल्कि जानलेवा हमले भी किए जाते थे. किसानों की कब्जाई जमीन पर ग्लोकल यूनिवर्सिटी खड़ी कर दी. जिसमें सैकड़ो बीघा जमीन सिंचाई विभाग की भी शामिल है। बावजूद इसके बसपा शासन में कोई कार्रवाई नहीं हुई.