लखनऊःरूस और यूक्रेन के बीच युद्ध की आंच अब आपके घर तक पहुंच रही है. इस लड़ाई की भारी कीमत अब आपको भी उठानी पड़ सकती है. यह युद्ध आपकी जेब पर भारी पड़ सकता है. दूध, अंड़ा, ब्रेड से लेकर दूसरे जरीरू सामान तक महंगे होने की आशंका है. राजधानी के विशेषज्ञों और कारोबारियों का कहना है कि युद्ध के कारण शेयर मार्केट गिरा. सिर्फ लखनऊ में निवेशकों को करीब एक हजार करोड़ का झटका लगा है. सोना और चांदी तक महंगा हो चला. वहीं, तेल की कीमतें बढ़ने की भी आशंका है. इसका सीधा-सीधा चीजों की कीमतों पर पड़ेगा.
उत्तर प्रदेश आदर्श व्यापार मंडल के अध्यक्ष संजय गुप्ता ने बताया कि युद्ध के कारण कच्चे तेल में अपेक्षित वृद्धि महंगाई को बढ़ावा देगा, जबकि सोने की कीमतों में अपेक्षित वृद्धि भी वस्तुओं की कीमतों में वृद्धि का कारण बनेगी. दूसरी ओर रुपया कमजोर होने की आशंका है जो निश्चित रूप से भारत के व्यापार संतुलन को प्रभावित करेगा. उन्होंने बताया कि चालू वर्ष में भारत का कुल तेल आयात 25.8 प्रतिशत तक बढ़ गया है, जिससे तेल की कीमतों में लगातार वृद्धि हुई.
थोक मूल्य सूचकांक में कच्चे तेल और संबद्ध उत्पादों की हिस्सेदारी 9% है. कच्चे तेल में वृद्धि से पेट्रोल और डीजल की कीमतों में और मुद्रास्फीति बढ़ेगी. इससे सभी वस्तुओं के दाम में वृद्धि होने की आशंका है . माल की विनिर्माण और परिवहन लागत अधिक महंगी हो जाएगी. कच्चे तेल का इस्तेमाल , प्लास्टिक, फार्मास्यूटिकल्स, मशीनरी, पेंट और कई अन्य वस्तुओं आदि के निर्माण में किया जाता है जो कीमतों को और बढ़ाने का कारक बनेगा.
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