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ग्रामीण महिलाओं ने किया कमाल, विदेश में उडे़गा UP का गुलाल - महिलाओं ने किया कमाल

उत्तर प्रदेश के कई जिलों में राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत ग्रामीण अंचल की महिलाएं हर्बल गुलाल और रंग बनाकर न सिर्फ आत्मनिर्भर हो रही हैं, बल्कि दूसरों को भी आर्थिक रूप से मजबूत बना रही है. ग्रामीण महिलाओं द्वारा बनाया जा रहा हर्बल गुलाल और रंग विदेशों में भी बेचा जाएगा.

विदेश में उडे़गा UP का गुलाल
विदेश में उडे़गा UP का गुलाल

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Published : Mar 9, 2021, 11:16 AM IST

लखनऊ:उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के अंतर्गत सूबे की ग्रामीण अंचल की महिलाओं ने वह कमाल कर दिया, जो कि किसी ने सपने में भी नहीं सोचा होगा. ग्रामीण स्तर पर समूह का गठन करके आर्थिक स्तर से दुर्बल उन महिलाओं ने ऐसा प्रोडक्ट तैयार किया है, जिसका नाम अब स्थानीय स्तर पर ही नहीं बल्कि देश-विदेश में चमक रहा है.ये महिलाएं उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत ऐसे हर्बल प्रोडक्ट को बना रही हैं, जिसकी डिमांड आने वाले होली के त्यौहार पर सबसे ज्यादा रहती है. ये महिलाएं हर्बल गुलाल और हर्बल रंग बनाने में जुटी हैं. ये हर्बल गुलाल और रंग तो चटकीले हैं ही और खास बात ये है कि ये किसी को नुकसान भी नहीं करता.

ग्रामीण महिलाओं ने किया कमाल.
गरीब महिलाओं के लिए नई रोशनी बना ये मिशन
एक समय आर्थिक रूप से दुर्बल इन महिलाओं के सामने भविष्य में अंधेरे के सिवा कुछ भी नहीं था. ऐसे में उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन इन लोगों के लिए नई रोशनी बनकर आया. आज ये महिलाएं इस योजना का लाभ लेते हुए न सिर्फ आर्थिक रूप से मजबूत हो चुकी हैं बल्कि अब दूसरों को भी आर्थिक रूप से मजबूत कर रही हैं.
उत्तर प्रदेश के इन जिलों में बनाये जा रहे है रंग-गुलाल
उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत लखनऊ, श्रावस्ती, बलरामपुर, गोंडा, मिर्जापुर, फतेहपुर खीरी, उन्नाव, बाराबंकी, प्रयागराज, अलीगढ़, सोनभद्र, गाजियाबाद, बांदा, वाराणसी, बागपत, चंदौली, ललितपुर, झांसी और अयोध्या में महिलाएं स्वयं सहायता समूह बनाकर प्राकृतिक रंग और गुलाल बनाने के काम में जुटी हुई हैं.
क्या है हर्बल गुलाल की विशेषता
उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों में महिला स्वयं सहायता समूह के जरिए में तैयार किए जा इन हर्बल गुलाल और हर्बल रंग की कई विशेषताएं हैं. इसमें आरारोट और फूलों के रंग का इस्तेमाल किया जाता है. इतना ही नहीं गुलाल और रंग में महक के लिए भी फूलों का ही इस्तेमाल किया जाता है. इसमें किसी भी तरह का केमिकल नहीं मिलाया जाता है, जो नुकसान करे. यही वजह है कि इस गुलाल और रंग की डिमांड विदेशों से भी आ रही है.
उत्तर प्रदेश राज्य आजीविका मिशन मुहैय्या कराता है बाजार
उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को प्रशिक्षित करके इस स्तर पर लाया जाता है कि उनके द्वारा तैयार किए गए माल को अंतरराष्ट्रीय बाजार में एक अच्छी क्वालिटी के साथ बेचा जा सके. इसके लिए विभाग की तरफ से पूरा सहयोग किया जाता है. माल के लिए बाजार उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी भी विभाग की तरफ से पूरी की जाती है. इस बार होली के त्यौहार पर स्वयं सहायता समूह की महिलाओं द्वारा तमाम प्रोडक्ट जिसमें हर्बल गुलाल-हर्बल रंग और इस त्योहार पर बनने वाले चिप्स ,पापड़ और नमकीन को भी तैयार किया जा रहा है. इन उत्पादों को विदेशों में बेचा जाएगा. इसमें समाज कल्याण विभाग और विभाग के अधिकारी इन महिलाओं की सहायता की जिम्मेदारी निभा रहे हैं. इतना ही नहीं समाज कल्याण विभाग इन सभी बनाई गई वस्तुओं को बाजार उपलब्ध कराने में अहम कड़ी के तौर पर काम कर रहे हैं.

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