लखनऊ : प्रदेश की भारतीय जनता पार्टी सरकार ने पिछले छह साल में एक्सप्रेस वे और राजमार्गों को लेकर बहुत काम किया है. यही कारण है कि प्रदेश को सबसे अधिक एक्सप्रेस वे वाला राज्य माना जाने लगा है. इसके बावजूद राज्य में ग्रामीण सड़कों स्थिति में सुधार के लिए बहुत काम करने की जरूरत है. ग्राम्य विकास के लिए सड़कों की अहम भूमिका रही है. इसके कारण गांवों की शिक्षा और चिकित्सा व्यवस्था में तो सुधार हुआ ही है, ग्रामीण आर्थिक तंत्र भी मजबूत हुआ है. किसान आसानी से अपनी उपज मंडियों तक पहुंता पाते हैं.
ग्रामीण सड़कों के विकास और रखरखाव के लिए सरकार को उठाने होंगे और कदम - Analysis of UP Bureau Chief Alok Tripathi
उत्तर प्रदेश के विकास में सड़कों का निर्माण काफी महत्वपूर्ण कड़ी है. यही कारण है कि भारतीय जनता पार्टी सरकार ने पिछले छह साल में एक्सप्रेस वे और राजमार्गों को लेकर बहुत काम किया है. इसके बावजूद ग्रामीण क्षेत्रों में आशातीत सड़कों का निर्मा नहीं हो पाया है. यही कारण है कि यूपी में विकास की रफ्तार काफी धीमी है. पढ़ें यूपी के ब्यूरो चीफ आलोक त्रिपाठी का विश्लेषण.
वरिष्ठ पदों पर रहे इंजीनियर अजय दीक्षित का मानना है कि भ्रष्टाचार और उगाही के कारण प्राय: सड़कों की गुणवत्ता खराब होती है. पूरा सरकारी तंत्र और नेता भलीभांति जानते हैं कि किस तरह भ्रष्टाचार निचले स्तर पर घर कर चुका है. ऐसे में ठेकेदार तो अपना मुनाफा निकालेंगे ही. अंततः गुणवत्ता से ही समझौता किया जाता है. यदि समय से पहले सड़कें खराब होती हैं तो उसे पास करने वाले को जिम्मेदार मानकर कार्रवाई की जानी चाहिए. यदि ऐसा हो तो व्यवस्था में सुधार हो सकता है. हालांकि पहले की अपेक्षा कुछ वर्षों में इस दिशा में काफी काम किया गया है.
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