लखनऊ :परिवहन विभाग सड़क हादसों को रोकने के लिए लगातार प्रयास कर रहा है, लेकिन वाहन स्वामी ही इस कोशिश पर पानी फेर रहे हैं. यही वजह है कि सड़क दुर्घटनाएं कम होने के बजाय बढ़ती ही जा रही हैं. सड़क हादसों का सबसे बड़ा कारण है ओवर स्पीड. इसी ओवर स्पीड को नियंत्रित करने के लिए परिवहन मंत्रालय ने कॉमर्शियल वाहनों में स्पीड लिमिटिंग डिवाइस अनिवार्य कर दी थी. इसके बिना वाहनों को फिटनेस दी ही नहीं जा सकती है. इस तरह के कॉमर्शियल वाहन फिटनेस कराने पहुंच रहे हैं, जिनमें स्पीड लिमिटिंग डिवाइस नहीं लगी है उन्हें अधिकारी तत्काल गेट से ही बाहर लौटा दे रहे हैं. साथ ही सख्त हिदायत भी दे रहे हैं.
ईटीवी भारत ने में ट्रांसपोर्ट नगर स्थित इंस्पेक्शन एंड सर्टिफिकेशन सेंटर में फिटनेस के लिए पहुंचे कॉमर्शियल वाहनों में स्पीड लिमिटिंग डिवाइस की स्थिति की तहकीकात की. यहां कई चौंकाने वाले मामले देखने को मिले. कॉमर्शियल कार, बस, ट्रक और छोटे व्यावसायिक वाहनों में स्पीड लिमिटिंग डिवाइस लगी ही नहीं थी. हालांकि फिटनेस सेंटर पर मौजूद अधिकारी ने स्पीड लिमिटिंग डिवाइस लगाने के बाद ही आने की हिदायत देकर लौटा दिया. इसके अलावा अधिकतर कारों में डिवाइस लगी रहती है, लेकिन ड्राइवर इसे डिस्कनेक्ट कर देते हैं. फिटनेस सेंटर पर कई कारों में लगी स्पीड लिमिटिंग डिवाइस के तार हटे मिले.