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जांच में निर्दोष मिले एआरटीओ को मिली लखनऊ आरटीओ में कमान

निर्दोष पाए गए लखनऊ के पूर्व सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी (एआरटीओ) प्रशासन संजय तिवारी को लखनऊ आरटीओ कार्यालय में फिर से तैनाती दे दी गई है.

जांच में निर्दोष मिले एआरटीओ
जांच में निर्दोष मिले एआरटीओ

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Published : Dec 25, 2020, 5:02 AM IST

लखनऊ: शासन से जांच पूरी होने के बाद निर्दोष पाए गए लखनऊ के पूर्व सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी (एआरटीओ) प्रशासन संजय तिवारी को लखनऊ आरटीओ कार्यालय में फिर से तैनाती दे दी गई है. हालांकि इस बार उन्हें प्रशासन के बजाय एआरटीओ प्रवर्तन की जिम्मेवारी सौंपी गई है. अवैध वाहनों की चेकिंग अब उनकी जिम्मेदारी होगी. एआरटीओ पर वित्तीय गड़बड़ी करने और बिना शासन की अनुमति के चार्ज लेने का आरोप लगा था. जांच में सभी आरोप बेबुनियाद पाए गए. इसके बाद गुरुवार को एआरटीओ प्रवर्तन प्रथम दल के रूप में तैनाती का आदेश जारी कर दिया गया.




एआरटीओ प्रवर्तन दल के प्रमुख का कार्यभार

गौरतलब है कि रायबरेली में एआरटीओ (प्रशासन) के पद पर तैनात रहते हुए एआरटीओ संजय तिवारी पर महालेखाकार संपरीक्षा दल ने राजकीय धनराशि में गड़बड़ी का आरोप लगा था. इस मामले में 31 जनवरी 2020 को विभागीय अनुशासनिक कार्रवाई करते हुए निलंबन के आदेश जारी कर दिए गए थे. जांच में आरोप साबित नहीं हो पाया. इसके बाद लखनऊ के एआरटीओ प्रशासन रहे संजय तिवारी को लखनऊ आरटीओ कार्यालय में एआरटीओ (प्रवर्तन) दल का प्रमुख बना दिया गया.



ट्रांसपोर्टनगर स्थित आरटीओ कार्यालय में काफी दिनों से एआरटीओ प्रशासन का पद रिक्त था. वर्तमान में अस्थाई तौर पर तैनात अमित राजन राय को एआरटीओ (प्रशासन) से हटाकर सुलतानपुर एआरटीओ (प्रवर्तन) के पद पर तैनात अखिलेश द्विवेदी को एआरटीओ (प्रशासन) बना दिया गया.




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