लखनऊ :शिक्षा का अधिकार अधिनियम (आरटीई) के तहत शैक्षिक सत्र 2023-24 निजी विद्यालयों में शैक्षिक सत्र 2023-24 के तहत निशुल्क प्रवेश लेने वाले विद्यार्थियों का सत्यापन जिलाधिकारी की निगरानी में होगा. इस संबंध महानिदेशक स्कूल शिक्षा विजय किरन आनंद ने प्रदेश के सभी जिला अधिकारियों को निर्देश जारी कर दिए हैं. महानिदेशक ने अपने आदेश में कहा है कि सत्यापन की प्रक्रिया 15 दिवस में पूरी कर रिपोर्ट महानिदेशालय को भेजनी होगी.
आरटीई के तहत प्रवेश प्रक्रिया. बता दें, निःशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 की विद्यार्थियों की फीस प्रतिपूर्ति के लिए पूर्व में सत्यापन के अनुसार प्रदेश सरकार की ओर से 176.32 करोड़ का बजट जारी किया गया गया था. इसके अलावा भी निजी विद्यालयों की ओर से और बजट की मांग करते हुए अभी भी बकाया फीस का हवाला दिया जा रहा है. ऐसे में जिला अधिकारी की निगरानी में जांच पूरी करके 15 दिवस में रिपोर्ट देनी होगी. इस पर शिक्षा महानिदेशक कहना है कि किसी भी प्रकार की वित्तीय अनिमितता न होने पाये इसके चलते जांच का निर्णय लिया गया है.
लखनऊ में प्रवेश की स्थिति. विद्यालय दोहरा लाभ तो नहीं ले रहे इसकी होगी जांच :महानिदेशक के निर्देश के अुनसार बेसिक शिक्षा अधिकारी की ओर से चिन्हित जिले के गैर सहायतित मान्यता प्राप्त टाॅप 50 विद्यालयों में आरटीई के अन्तर्गत पूर्व से अध्ययनरत और नव प्रवेशित बच्चों की संख्या की जांच करनी होगी. इसके अलावा जिन विद्यालयों द्वारा फीस प्रतिपूर्ति की मांग की जा रही है वहां यह देखना होगा कि विद्यालय की ओर से अभिभावकों से प्रवेश के समय प्रवेश शुल्क, परीक्षा शुल्क तथा अन्य किसी भी प्रकार की फीस लेकर दोहरा लाभ तो नहीं लिया जा रहा है. विभाग को इस बात की शिकायत मिली है कि सरकार द्वारा फीस प्रतिपूर्ति का पैसा दिए जाने के बाद कई निजी विद्यालयों के प्रबंधकों ने अभिभावकों से अतिरिक्त शुल्क वसूल किया है. महानिदेशक ने कहा कि इस बात का भी ध्यान रखना होगा कि 1 जुलाई 2022 के क्रम में भौतिक सत्यापन के बाद लंबित फीस प्रतिपूर्ति की धनराशि की मांग की गई थी. ऐसे में क्या आरटीई का लाभ ले रहे सभी बच्चों की सूचना आरटीई पोर्टल पर अपलोड है. इसके अलावा यह सूचना भी देनी होगी कि क्या फीस प्रतिपूर्ति भुगतान करने से पूर्व जनपद स्तरीय अधिकारियों की ओर से स्वयं विद्यालय चेक किया गया.
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