लखनऊ : प्रदेश समेत कई राज्य के मरीजों की संख्या पीजीआई में लगातार बढ़ने के कारण सर्जरी के लिए दो से तीन महीने की तारीख दी जा रही है, इससे निपटने के लिए संस्थान ने रोबोटिक सर्जरी की संख्या बढ़ाने का निर्णय लिया है. इसके लिए एक और रोबोट खरीदने का प्रस्ताव शासन को भेज दिया गया है.
पीजीआई में सर्जरी के लिए खरीदा जाएगा एक और रोबोट, शासन को भेजा गया प्रस्ताव
प्राइवेट अस्पतालों में रोबोटिक सर्जरी से ऑपरेशन करने पर मरीज को अधिक रुपए खर्च करना पड़ता है, लेकिन पीजीआई अस्पताल में कम खर्चे में ही रोबोट सर्जरी करने की व्यवस्था है.
प्रदेश में पीजीआई संस्थान में ही रोबोट से सर्जरी करने की व्यवस्था है. इस सर्जरी से आपरेशन कराने वाले मरीजों को अस्पताल में ज्यादा लंबे समय तक नहीं रुकना पड़ता है. ऑपरेशन के समय दर्द भी कम होता है, जिससे मरीजों का रुझान रोबोट सर्जरी से ऑपरेशन कराने के लिए लगातार बढ़ रहा है. प्रदेश का पहला संस्थान पीजीआई है जहां पर रोबोट सर्जरी की व्यवस्था 2019 से शुरू हो गई थी. मरीजों को रोबोट सर्जरी पर अब भरोसा होने के बाद संस्थान एक और मशीन खरीदने की तैयारी कर रहा है. जिसका प्रस्ताव पीजीआई प्रशासन ने शासन को भेज दिया है, जल्द ही दूसरा रोबोट आने के बाद रोबोटिक से सर्जरी करने की प्रक्रिया में और तेजी आएगी.
पीजीआई संस्थान के निदेशक डॉ. आरके धीमन ने बताया कि 'प्रदेश के सरकारी चिकित्सा संस्थानों में सिर्फ पीजीआई में रोबोटिक सर्जरी की सुविधा उपलब्ध है. यहां वर्ष 2019 में रोबोटिक सर्जरी शुरू हुई थी. मौजूदा समय में पांच विभागों के मरीजों के ऑपरेशन रोबोट से किए जा रहे हैं. इसमें बड़ा चीरा नहीं लगाना पड़ता है. साथ ही कम दर्द के साथ अस्पताल में कम दिन रुकना पड़ता है. संक्रमण का खतरा भी कम होता है. मरीजों की रोबोटिक सर्जरी की वेटिंग को देखते हुए दूसरा रोबोट खरीदने के लिए शासन को प्रस्ताव भेजा गया है. वर्तमान में पीजीआई के गैस्ट्रो सर्जरी, कार्डियो थोरेसिक और वैस्कुलर सर्जरी (सीवीटीएस), एंडोक्राइन सर्जरी, यूरोलॉजी विभाग व पीडियाट्रिक सर्जरी विभाग के डॉक्टर रोबोट से ऑपरेशन कर रहे हैं.'