लखनऊ : उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम के अधिकारी अपने अधिनस्थों के साथ दोहरा रवैया अपना रहे हैं. एक ही तरह के मामले में एक कर्मचारी पर निलंबन की गाज गिरा कर रहे हैं तो दूसरे कर्मचारी पर मेहरबानी दिखा रहे हैं. एक तरह की दोनों ही घटनाएं लखनऊ रीजन के आलमबाग बस स्टेशन से ही जुड़ी हैं. इनमें वरिष्ठ लिपिकों से गलती एक तरह की हुई, लेकिन लखनऊ रीजन की तरफ से की गई कार्रवाई में एक के हिस्से सस्पेंशन आया तो दूसरा ट्रांसफर पाकर अभयदान पा गया.
एनएचएआई का इंजीनियर हुआ था हादसे का शिकार
लखनऊ रीजन के आलमबाग बस स्टेशन पर 24 मार्च को एक घटना हुई थी, जिसमें बुलंदशहर डिपो की बस यूपी 14 एफ 8060 ने बस पकड़ने आए एनएचएआई के एक इंजीनियर को टक्कर मार दी थी. काफी देर तक बस स्टेशन के बाहर इंजीनियर तड़पता रहा, लेकिन उसको कोई मदद नहीं मिली. बाद में लोक बंधु अस्पताल पहुंचाया गया जहां इंजीनियर की मौत हो गई थी. इस घटना पर परिवहन निगम के तत्कालीन प्रबंध निदेशक संजय कुमार ने सख्त रुख अख्तियार करते हुए जांच कर दोषी के खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे. इसके बाद आलमबाग बस स्टेशन पर तैनात वरिष्ठ लिपिक गोपीनाथ को जिम्मेदार ठहराया गया. माना गया कि इस घटना की जानकारी वरिष्ठ लिपिक गोपीनाथ को होते हुए भी उन्होंने इसकी सूचना नहीं दी. लखनऊ के क्षेत्रीय प्रबंधक मनोज कुमार पुंडीर ने बस स्टेशन के वरिष्ठ लिपिक गोपीनाथ को इस मामले में निलंबित कर दिया था.