लखनऊ: देश के विभिन्न राज्यों से प्रदेश की राजधानी पहुंचने वाली श्रमिक स्पेशल ट्रेनों के आने का सिलसिला लगातार जारी है. ऐसे में रोडवेज बसों का ऑपरेशन एक जून से शुरू नहीं हो पाएगा. मजदूरों को लगातार रोडवेज बसों से उनके गंतव्य के लिए भेजा जा रहा है. इन बसों का ऑपरेशन सामान्य यात्रियों के लिए हो पाना मुमकिन नहीं होगा. सभी बसें मजदूरों को ढोने में लगी हुई हैं.
31 मई को लॉकडाउन 4.0 समाप्त होने के बाद उम्मीद जताई जा रही है कि पिछले 2 माह से ज्यादा समय से आम यात्रियों के लिए संचालित होने वाली परिवहन निगम की बसें भी 1 जून से प्रदेश की सड़कों पर दौड़ती हुई नजर आएं. अब रोडवेज के अधिकारी इसको लेकर असमर्थता जता रहे हैं. उनका कहना है कि दरअसल, अभी तक श्रमिक स्पेशल ट्रेनें पूरे देश भर में दौड़ रही हैं. उत्तर प्रदेश में भी लगातार श्रमिक स्पेशल ट्रेनों से हजारों मजदूर पहुंच रहे हैं. रोडवेज की सभी बसें इन श्रमिकों को उनके घर तक पहुंचाने में लगी हुई हैं. ऐसे में अगर 1 जून से सरकार बसों के संचालन को हरी झंडी दे भी देती है फिर भी श्रमिकों के लिए लगी बसें यात्रियों को सुविधा उपलब्ध नहीं करा पाएंगी. जब श्रमिक स्पेशल ट्रेनों का संचालन बंद हो जाएगा तब रोडवेज बसें यात्रियों के लिए संचालित हो सकती हैं.उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम के बस बेड़े में करीब 12 हजार बसें शामिल हैं और ये सभी श्रमिक स्पेशल ट्रेन से आने वाले श्रमिकों को उनके गृह जनपद तक पहुंचा रही हैं. लखनऊ रीजन की बात की जाए तो 1000 बसें रोजाना ही संचालित हो रही हैं. लखनऊ रीजन के क्षेत्रीय प्रबंधक पीके बोस बताते हैं कि ऐसे में जब सभी बसें श्रमिकों को ढो रही हैं तो यात्रियों के लिए अगर 1 जून से सरकार बस संचालन की अनुमति दे भी देती है, तब भी बसें उपलब्ध होना मुश्किल हैं. यह तभी संभव हो पाएगा, जब श्रमिक स्पेशल ट्रेनों से श्रमिका का आना बंद हो जाए.