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लखनऊ में खास तकनीकी से बन रही सड़कें, 20 वर्ष से भी अधिक समय तक चलेंगी - उच्च गुणवत्ता वाली सडकें

लखनऊ के शारदानगर विस्तार में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत निर्मित की गई कालोनी में लखनऊ विकास प्राधिकरण विदेश की तर्ज पर सडकें बना रहा है. इस तरह की उच्च गुणवत्ता वाली सडकें प्रदेश में पहली बार किसी कालोनी में बनाई जा रही हैं.

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तकनीकी से बन रही सड़कें

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Published : Mar 30, 2022, 11:21 AM IST

लखनऊ:शारदानगर विस्तार में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत निर्मित की गई कालोनी में लखनऊ विकास प्राधिकरण विदेश की तर्ज पर सडकें बना रहा है. इस तरह की उच्च गुणवत्ता वाली सडकें प्रदेश में पहली बार किसी कालोनी में बनाई जा रही हैं. मंगलवार को सीआरआरआई (सेंट्रल रोड रिसर्च इंस्टीट्यूट) के विशेषज्ञों ने शारदानगर विस्तार योजना में स्थित प्लांट व साइट का निरीक्षण करने के बाद एलडीए द्वारा कराए जा रहे कार्यों की प्रशंसा की.

ज्ञात हो कि इससे पूर्व अमेरिकी विदेश सेवा की वरिष्ठ अधिकारी व वर्तमान में यूएसएआईडी (युनाइटेड स्टेट एजेंसी फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट) की भारत एवं भूटान की मिशन डायरेक्टर वीना रेड्डी ने भी इस प्रोजेक्ट का निरीक्षण करने के बाद लखनऊ विकास प्राधिकरण की सराहना की थी. एलडीए के मुख्य अभियंता इन्दुशेखर सिंह ने बताया कि अल्प आय वर्ग के लोगों के लिए बनाई गई इस कालोनी का निर्माण अत्याधुनिक तकनीक से किया गया है, जिसके लिए लखनऊ विकास प्राधिकरण को राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी कई पुरस्कार मिले हैं.

मुख्य अभियंता ने बताया कि अब इस कालोनी में अन्य सुविधाएं भी सर्वश्रेष्ठ तकनीकी के इस्तेमाल से तैयार कराई जा रही हैं. इस क्रम में सीआरआरआई के सहयोग से यहां शार्ट पैनल व्हाइट टाॅपिंग तकनीकी से सड़क बनाई गई है, जोकि 20 वर्ष से भी अधिक समय तक चलेगी. उन्होंने बताया कि यह पहली बार है कि जब प्रदेश की किसी कालोनी में इस तकनीकी से सड़़क बनाई गई है. अब इस कालोनी में स्टोन मैटिक्स एसफाॅल्ट तकनीकी से सड़क निर्मित की जा रही है, जिसकी उम्र सामान्य सड़क से चार गुनी अधिक होगी. इस तकनीकी का इस्तेमाल भी प्रदेश में पहली बार लखनऊ विकास प्राधिकरण द्वारा ही किया जा रहा है.

मंगलवार को सीआरआरआई के हेड एंड प्रिंसिपल साइंटिस्ट डाॅ अम्बिका बहल, प्रोजेक्ट लीडर डाॅ शिक्षा स्वरूपा और सीनियर टेक्निकल आफिसर शंख दास ने एलडीए के प्लांट व निर्माण स्थल का निरीक्षण किया. इस दौरान विशेषज्ञों द्वारा मौके पर कराए जा रहे कार्यों और निर्माण सामग्री की गुणवत्ता व तकनीकी का मुआयना किया गया. जिसमें सीआरआरआई की टीम द्वारा एलडीए के इंजीनियरों व टीम की सराहना की गई. मुख्य अभियंता ने बताया कि निर्माण सामग्री को लैब में टेस्ट करने के लिए टीम द्वारा मौके से सैंपल भी लिए गए हैं, जिसका समय-समय पर मुआयना किया जाता रहेगा.


6 करोड़ लीटर पानी की बचत कर बनाए मकान:मुख्य अभियंता इन्दुशेखर सिंह ने बताया कि इन प्रधानमंत्री आवासों को बनाने में एलडीए द्वारा विशिष्ट निर्माण तकनीकी एवं विशिष्ट भवन निर्माण सामग्री का प्रयोग किया गया है, जिससे भवनों के निर्माण के दौरान लगभग 6 करोड लीटर पानी, पांच हजार मीट्रिक टन मिट्टी और 3600 मीट्रिक टन स्टील की बचत की गई है.



इस प्रकार यहां लगभग 50 हजार मीट्रिक टन काॅर्बन डाईआक्साइड का उत्सर्जन रोका गया है. इन भवनों को ऊर्जा दक्षता में पांच सितारा रेटिंग व पर्यावरण अनुकूलता में गोल्ड सर्टिफिकेट प्राप्त हुआ है. इसके साथ ही इस परियोजना को राष्ट्रीय स्तर पर हुडको द्वारा इनोवेटिव तकनीकी के अंतर्गत पुरस्कार प्राप्त हुआ है. यह परियोजना प्रदेश ही नहीं बल्कि पूरे देश में सबसे कम लागत की हाउसिंग परियोजनाओं में से एक है. माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में बने पीएमएवाई के प्रोटाटाइप भवन का अवलोकन करने के बाद इसकी प्रशंसा की थी.

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