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गड्ढा मुक्त सड़क का दावा फेल, महिपतमऊ गांव का संपर्क मार्ग जर्जर - गड्ढा मुक्त सड़क

लखनऊ-हरदोई राजमार्ग से महिपतमऊ जाने वाला रास्ता लंबे समय से जर्जर स्थिति में है. हालांकि महिपतमऊ गांव को नगर निगम में चयनित किया गया था. ग्रामीणों का आरोप है कि सड़कों के कायाकल्प के लिए प्रशासन की ओर से कोई कदम नहीं उठाए गए.

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महिपतमऊ गांव की सड़क जर्जर.

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Published : Dec 20, 2020, 9:21 AM IST

लखनऊ:प्रदेश की राजधानी के कई इलाकों में सड़कें खस्ता हाल में हैं. यहां दुबग्गा स्थित लखनऊ-हरदोई राजमार्ग से महिपतमऊ जाने वाला रास्ता काफी समय से उखड़ा हुआ है. गड्ढायुक्त रास्ते पर हमेशा पानी भरा रहता है, जिससे पैदल और वाहनों से चलने वाले राहगीरों को निकलने में मुश्किल होती है. स्थानीय लोगों का आरोप है कि ग्राम प्रधान और नगर निगम के जिम्मेदारों से शिकायत करने के बावजूद अभी तक सड़क का कायाकल्प नहीं कराया गया.

महिपतमऊ गांव की सड़क जर्जर.
गड्ढा मुक्त अभियान की खुली पोल
सूूबे में भाजपा सरकार के सत्ता में आने से लोगों को काफी उम्मीदें बंधी थी कि सड़कों की हालत ठीक हो जाएगी. योगी सरकार ने भी सड़कों को छह माह के अंदर गड्ढा मुक्त करने का दावा किया था, लेकिन सरकार का यह बड़ा दावा महज कागजों तक सीमित रहा. अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों की उदासीनता के कारण सड़कों की स्थिति बद से बदतर हो गई. इस बीच रही सही कसर बारिश ने सड़कों की सूरत बिगाड़ कर पूरी कर दी.
नगर निगम और विकास खण्ड के अधिकारी झाड़ रहे पल्ला
स्थानीय लोगों ने बताया कि गांव जाने के लिए यही एक मुख्य रास्ता है. ये सड़क पिछले कई वर्षों से टूटी पड़ी है. ग्राम प्रधान ने आज तक इसके निर्माण के लिए कोई ध्यान नहीं दिया. जर्जर सड़क के निर्माण के लिए कई बार सम्बन्धित अधिकारियों से शिकायत की गई, लेकिन समस्या का हल अभी तक नहीं निकल सका. हालांकि गांव नगर निगम में चयनित किया गया है. ऐसे में लोगों को आस थी की गांव के इस मुख्य संपर्क मार्ग का कुछ कायाकल्प होगा, लेकिन इसे नहीं बनाया जा सका. नगर निगम के जिम्मेदार बताते हैं कि हम लोगों को केवल टैक्स लेने के लिए बोला गया है. वहीं विकास खण्ड अधिकारी ने फंड में धनराशि न होने की बात कहकर अपना पल्ला झाड़ लिया.

लखनऊ से सटे 88 गांव नगर निगम में चयनित
स्थानीय निवासियों का कहना है कि गांव में पानी की निकासी के लिए नालियों का निर्माण नहीं कराया गया, जिससे बरसात में जलभराव हो जाता है. यही कारण है कि वाहन चालकों को आवागमन के दौरान काफी दुश्वारियों का सामना करना पड़ता है. वहीं नगर निगम जोन-6 की जोनल अधिकारी अम्बी बिष्ट ने बताया कि लखनऊ से सटे 88 गांव नगर निगम में चयनित किए गए हैं, जिसमें महिपतमऊ गांव भी शमिल है. अधिकारियों की दलील है कि उन्हें महज इन गांवों से टैक्स वसूलने के लिए आदेशित किया गया है.

31 मार्च 2020 से अभी तक इन गांवों के लिए कोई धनराशी कोटे में नहीं आई है. इसीलिए कोई भी निर्माण कार्य कराने में विकास खण्ड काकोरी असमर्थ है.

संजीव गुप्ता, विकास खण्ड अधिकारी काकोरी

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