लखनऊ: राष्ट्रीय लोक दल और समाजवादी पार्टी के बीच पिछले दिनों से यह चर्चा तेज हो गई थी कि दोनों के गठबंधन में दरार पड़ गई है. प्रदेशभर से इस तरह की खबरें आ रही थीं ऐसा इसलिए हुआ, क्योंकि मेरठ सीट पर आरएलडी अपना मेयर प्रत्याशी उतारना चाहती थी लेकिन समाजवादी पार्टी ने अपना प्रत्याशी घोषित कर दिया. इसके अलावा कई अन्य सीटों पर भी ऐसा हुआ. राजनीतिक गलियारों में उत्तर प्रदेश की इन दो पार्टियों के गठबंधन टूटने की चर्चा तेज हुई. इसके बाद आरएलडी मुखिया जयंत चौधरी और सपा मुखिया अखिलेश यादव की मुलाकात हुई. दोनों ने आपस में बात कर मामला सुलझा लिया और अब यह गठबंधन बरकरार है इसका उदाहरण भी सामने आ गया है.
निकाय चुनाव के दूसरे चरण के नामांकन के आखिरी दिन राष्ट्रीय लोक दल और समाजवादी पार्टी के बीच मजबूत गठबंधन का उदाहरण देखने को मिला. आपसी सहमति के बाद जहां पर समाजवादी पार्टी को एहसास हुआ कि यहां पर राष्ट्रीय लोक दल के प्रत्याशी को ही लड़ाया जाए वहां समाजवादी पार्टी ने अपने प्रत्याशी का परचा वापस करा लिया और जहां आरएलडी को लगा कि समाजवादी पार्टी को समर्थन देना चाहिए वहां समर्थन पत्र जारी कर दिया गया.
गुरुवार को प्रदेश के तीन स्थानों के ऐसे उदाहरण सामने आए जहां पर समाजवादी पार्टी और राष्ट्रीय लोकदल एक साथ खड़े दिखे. लोनी सीट पर समाजवादी पार्टी की नगर पालिका परिषद अध्यक्ष पद की प्रत्याशी हसीना ने अपना नामांकन वापस ले लिया और अब इस सीट पर राष्ट्रीय लोक दल और आजाद समाज पार्टी की संयुक्त प्रत्याशी रंजीता धामा चुनाव मैदान में होंगी. समाजवादी पार्टी ने रंजीता धामा को समर्थन दिया है.
इसी तरह रायबरेली में महापौर पद के समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी आईसी तोमर को राष्ट्रीय लोक दल ने अपना समर्थन पत्र जारी किया. लखनऊ से समाजवादी पार्टी ने वंदना मिश्रा को महापौर प्रत्याशी बनाया था. अभी तक राष्ट्रीय लोक दल ने वंदना मिश्रा को समर्थन देने का फैसला नहीं किया था, लेकिन जब समाजवादी पार्टी ने लोनी सीट पर अपना प्रत्याशी हटाकर आरएलडी को समर्थन दिया तो आरएलडी ने भी लखनऊ से सपा प्रत्याशी वंदना मिश्रा को समर्थन देने की घोषणा कर दी.