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राष्ट्रीय लोकदल के प्रदेश आलाकमान और अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ में खींचतान, पार्टी ने दी ये सफाई - अल्प संख्यक प्रकोष्ठ राष्ट्रीय लोक दल

राष्ट्रीय लोकदल उत्तर प्रदेश अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ की प्रदेश कार्यकारिणी भंग करने के बाद अंदरूनी खींचतान (Tussle in Rashtriya Lok Dal) की चर्चा सियासी गलियारे में है. हालांकि आरएलडी के प्रदेश महासचिव व प्रवक्ता रजनीकांत मिश्रा का कहना है कि यह पार्टी का अंदरूनी मामला है. इस पर किसी तरह की चर्चा बिल्कुल सही नहीं है. हर पार्टी में ऐसा होता है. पार्टी में सब कुछ सही है, कोई विवाद नहीं है.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Nov 4, 2023, 1:03 PM IST

जानकारी देते आरएलडी प्रवक्ता रजनीकांत मिश्रा.

लखनऊ : राष्ट्रीय लोकदल उत्तर प्रदेश अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ की प्रदेश कार्यकारिणी पिछले दिनों भंग कर दी गई. हालांकि प्रकोष्ठ के अध्यक्ष आरिफ महमूद को प्रकोष्ठ का अध्यक्ष बनाए रखा गया. पार्टी का कहना है कि प्रदेश कार्यकारिणी इसलिए भंग की गई क्योंकि कार्यकारिणी में शामिल सदस्य सक्रिय नहीं थे. संगठन को मजबूत करने के साथ ही पार्टी की मजबूती के लिए काम नहीं कर रहे थे. इस मामले में प्रकोष्ठ की तरफ से सफाई आई कि कार्यकारिणी में सभी सदस्य सक्रिय थे. अब प्रकोष्ठ और प्रदेश आलाकमान के बीच कार्यकारिणी भंग करने को लेकर तरह-तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं. हालांकि रालोद के प्रदेश महासचिव व प्रवक्ता का कहना है कि कोई विवाद नहीं है. सब कुछ सामान्य है.

आरएलडी प्रवक्ता रजनीकांत मिश्रा की राय.



इसी साल अप्रैल माह में आरिफ महमूद को उत्तर प्रदेश अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ का प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया था. इसके अलावा प्रदेश उपाध्यक्ष के रूप में हापुड़ निवासी नजमुद्दीन हवारी को नियुक्त किया गया था. पार्टी की तरफ से प्रदेश अध्यक्ष की घोषणा के बाद आरिफ महमूद ने अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ की पूरी टीम गठित की. हालांकि छह माह बाद ही अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ की प्रदेश कार्यकारिणी भंग करनी पड़ गई. सिर्फ प्रदेश अध्यक्ष के रूप में आरिफ महमूद काम करते रहेंगे. एक बार फिर से नई कार्यकारिणी गठित की जाएगी.

आरएलडी के नेताओं का बयान आया कि अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के ज्यादातर पदाधिकारी निष्क्रिय थे और पार्टी हित में कोई काम नहीं कर रहे थे. इसी वजह से पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जयंत चौधरी ने नाराजगी जताई. इसके बाद अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ की प्रदेश कार्यकारिणी भंग करनी पड़ी. इस पर प्रकोष्ठ के अध्यक्ष आरिफ महमूद की सफाई आई कि कार्यकारिणी में शामिल सभी सदस्य सक्रियता से कम कर रहे थे. अल्पसंख्यकों को पार्टी के साथ जोड़ रहे थे. उनके मुद्दों को आगे रख रहे थे. अब प्रदेश आलाकमान और प्रकोष्ठ के बीच पड़ रही दरार को लेकर सियासी गलियारों में चर्चाएं शुरू हो गई हैं. पार्टी के अंदर भी आलाकमान और प्रकोष्ठ के बीच कुछ भी सही नहीं चलने को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है.



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