लखनऊः भाजपा सांसद रीता बहुगुणा जोशी को शनिवार को कोर्ट से राहत मिल गई. एमपी-एमएलए कोर्ट के विशेष जज पवन कुमार राय ने दो आपराधिक मामलों में जारी गैर जमानती वारंट को निरस्त कर दिया. साथ ही रीता बहुगणा जोशी को 50-50 हजार के निजी मुचलकों पर रिहा करने का आदेश दिया. इसके पूर्व भाजपा सांसद ने विशेष अदालत में आत्मसमर्पण किया. साथ ही उनके अधिवक्ता ने वारंट रिकाल करने का प्रार्थना पत्र दिया, जिसे कोर्ट ने मंजूर कर लिया.
रीता बहुगुणा जोशी को मिली राहत, कोर्ट ने जारी वारंट को किया निरस्त - rita bahuguna joshi revokes warrant
वर्ष 2012 में चुनाव आचार संहिता का उल्लघंन करने और वर्ष 2015 में धरना-प्रदर्शन के दौरान तोड़-फोड़ और पुलिस बल पर हमला करने के मामले में शनिवार को रीता बहुगुणा जोशी ने एमपी-एमएलए की विशेष अदालत में आत्मसमर्पण किया. बाद में गैर जामानती वारंट रिकाल करने की गुहार लगाई थी. जिसे कोर्ट ने मंजूर कर ली.
यह था मामला
रीता बहुगुणा जोशी पर दर्ज उक्त दो मामलों में से पहला वर्ष 2012 में चुनाव आचार संहिता का उल्लघंन करने का मुकदमा है जो कि थाना कृष्णा नगर में दर्ज किया गया था. 17 फरवरी, 2012 को इस मामले की एफआईआर सर्विलांस टीम के स्टैटिक मजिस्ट्रेट मुकेश कुमार ने दर्ज कराई थी. जिसके मुताबिक कांग्रेस प्रत्याशी रीता बहुगुणा जोशी प्रचार का समय समाप्त होने के बाद भी बजरंगनगर में जनसभा कर रही थीं. विवेचना के बाद इस मामले में रीता बहुगुणा के खिलाफ लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 133 के साथ ही आईपीसी की धारा 188 के तहत आरोप पत्र दाखिल किया गया.
दूसरा मामला वर्ष 2015 का है. इसमें आरोप है कि उनके नेतृत्व में हो रहे धरना-प्रदर्शन के दौरान तोड़-फोड़ की गई और पुलिस बल पर हमला भी किया गया. इस मामले की एफआईआर थाना हजरतगंज में दर्ज कराई गई थी. उल्लेखनीय है कि विशेष अदालत ने इन दोनों ही मामलो में रीता बहुगुणा जोशी के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी कर रखा था.