लखनऊः राजधानी में पिछले 3 सालों से लगातार बढ़ती उत्पादन लागत से गन्ना किसान बेहाल हैं. खाद, सिंचाई और कीटनाशकों की कीमत में हो रही बढ़ोतरी से किसानों का मुनाफा घटता जा रहा हैं. ऐसे में किसान सरकार से उम्मीद कर रहे हैं कि वे आगामी पेराई सत्र में गन्ना मूल्य में इजाफा करेगी.
बढ़ती उत्पादन लागत से बेहाल गन्ना किसान, सरकार की मेहरबानी का इंतजार
राजधानी लखनऊ में पिछले 3 सालों से गन्ना उत्पादन की लागत लगातार बढ़ने से किसान परेशान हैं. वहीं बढ़ती लागत को देखते हुए कृषि विशेषज्ञ रामकृष्ण वाजपेयी ने सरकार की नीतियों पर सवाल उठाए हैं.
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किसान एस एन चौहान ने गन्ना उत्पादन लागत की मांगी जानकारी -
गन्ना की उत्पादन लागत लगातार बढ़ रही है. इसका सुबूत गन्ना उत्पादन करने वाले अनुसंधान संस्थानों के दस्तावेजों में मिल रहा है. एस एन चौहान ने सभी संस्थानों से गन्ना उत्पादन लागत की जानकारी मांगी हैं. जानकारी के अनुसार पिछले 3 सालों में हर साल उत्पादन लागत बढ़ती जा रही है.
प्रदेश सरकार के तीन गन्ना अनुसंधान संस्थानों की औसत उत्पादन लागत 284 रुपये प्रति कुंतल से बढ़कर 298 रुपये प्रति कुंतल तक पहुंच गई है. लेकिन सरकार की ओर से जो गन्ना का खरीद मूल्य घोषित किया गया है वह 305 रुपये से लेकर 325 रुपये प्रति कुंतल ही है.
कृषि विशेषज्ञ रामकृष्ण वाजपेई नेसरकार की नीतियों पर उठाये सवाल-
गन्ना किसानों की इस बदहाली के लिए किसान ही नहीं बल्कि जागरूक लोग भी सरकार की नीतियों को दोषी बता रहे हैं. जब तक सरकार की नीतियां किसानों के हित में नहीं बनेगी तब तक उनकी आय दोगुनी करने का लक्ष्य पूरा नहीं हो सकेगा. ताज्जुब की बात यह है कि जब उत्पादन लागत लगातार बढ़ रही है तो आखिर सरकार कौन से फार्मूले के आधार पर किसानों के लिए गन्ना मूल्य तय रही है.