लखनऊः कोरोना महामारी से बचाव को लेकर पिछले वर्ष लॉकडाउन लगा तो इस बार भी आंशिक लॉकडाउन या जनता कर्फ्यू जैसे कदम उठाए गए. लोगों की सांसें बचाने के लिए उठाए इस कदम का साइड इफेक्ट ये हुआ कि आर्थिक गतिविधियां प्रभावित हुईं. परिणाम ये हुआ कि राजस्व वसूली में भी कमी आई. हालांकि, दूसरी तरफ राज्य सरकार के वित्त मंत्री सुरेश खन्ना का दावा है कि कोरोना महामारी के बावजूद आर्थिक स्थिति ठीक है और राजस्व वसूली भी बेहतर हो रही है. उन्होंने कहा कि हमारा फाइनेंशियल मैनेजमेंट भी अच्छा है और हम लगातार अच्छा काम कर रहे हैं.
इतने राजस्व की वसूलीउत्तर प्रदेश में मई महीने में प्रमुख मदों के लिए राजस्व प्राप्ति का जो लक्ष्य तय किया गया था उसकी 52.7 फीसद वसूली ही हो पाई है, जबकि पिछले वर्ष के मई महीने की तुलना करते हुए यह 2452.51 करोड़ रुपये अधिक है. उत्तर प्रदेश के वित्त विभाग से मिली जानकारी के अनुसार चालू वित्तीय वर्ष की मई महीने में पिछले वर्ष की इसी माह के तुलनात्मक अध्ययन के अनुसार राजस्व का जो लेखा-जोखा आया है, उसके अनुसार मई में 8272.55 करोड़ रुपये की राजस्व प्राप्ति हुई है जबकि पिछले साल मई महीने में 5820.04 करोड़ रुपये की प्राप्ति हुई थी.
लक्ष्य से कम हुई है राजस्व वसूली, प्रभावित हुई अर्थव्यवस्था
चालू वित्तीय वर्ष में राज्य सरकार के वित्त विभाग की तरफ से 15683.37 करोड़ रुपये की राजस्व प्राप्ति का लक्ष्य निर्धारित किया गया था, जबकि 8272.55 करोड़ की ही राजस्व प्राप्ति हुई है. यह लक्ष्य की तुलना में 52.7 फीसद है. इससे साफ पता चलता है कि कोरोना से बचाव को लेकर किए गए आंशिक लॉकडाउन से प्रदेश की आर्थिक गतिविधियां प्रभावित हुई हैं और इसके चलते अर्थव्यवस्था पर असर पड़ा है बल्कि राजस्व वसूली भी काफी कम हुई है.
ये कहते हैं वित्त मंत्री सुरेश खन्ना
उत्तर प्रदेश के वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि कोरोना महामारी के बावजूद प्रदेश की आर्थिक स्थितियां ठीक हैं. पहले की तुलना में महामारी के संकट काल के समय भी राज्य सरकार अपने पैरों पर खड़ी है. राजकोषीय उत्तरदायित्व एवं बजट प्रबंधन की सीमाओं का पालन कर रही है. प्रदेश के कर एवं करेतर राजस्व की स्थिति बताती है कि हमारा हमारा फाइनेंशियल मैनेजमेंट बेहतर है और इसी फाइनेंशियल मैनेजमेंट के आधार पर हम चीजों को बेहतर कर रहे हैं.
राज्य में वित्तीय स्थिति ठीक
सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन और बजट आदि में किसी प्रकार की कमी के सवाल पर वित्त मंत्री कहते हैं और राज्य में किसी प्रकार की कोई कठिनाई नहीं आने वाली है. राज्य में राजकोषीय स्थिति ठीक है और हम स्थितियों को पहले से बेहतर कर रहे हैं. हमारे सामने किसी भी प्रकार का कोई संकट नहीं है महामारी के बावजूद हम उसे बेहतर ढंग से नियंत्रित कर रहे हैं.
कोरोना के कारण कई आर्थिक गतिविधियों पर पड़ा असर
कोरोना के कारण लॉकडाउन की वजह से निर्माण उद्योग, खनन, व्यापार, पर्यटन, होटल,रेस्टोरेंट समेत कई आर्थिक गतिविधियों पर प्रतिकूल असर पड़ा है. इसकी वजह से कर एवं गैर कर राजस्व वसूली में गिरावट के संकेत मिल रहे हैं. ऐसी स्थिति में प्रदेश में राजकोषीय चुनौतियों के बढ़ने की आशंका राजनीतिक विश्लेषकों की तरफ से जताई जा रही है, लेकिन सरकार की तरफ से सब कुछ ठीक होने के दावे भी जरूर किए जा रहे हैं. सरकार का कहना है कि हम स्थितियों को बेहतर कर रहे हैं. पहले की तुलना में उत्तर प्रदेश आज बेहतर स्थिति में है और वित्तीय प्रबंधन हमारा पहले की सरकारों की तुलना में अच्छा है.
ये बोले अर्थशास्त्री
राजनीतिक विश्लेषक और वरिष्ठ अर्थशास्त्री प्रोफेसर एपी तिवारी ने ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए कहा कि कोरोना की दूसरी लहर ने उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों पर अपना दुष्प्रभाव दिया है. हालांकि इसका असर उतना ज्यादा नहीं था जिस प्रकार से पहली लहर से हुआ था. जो आंशिक तौर पर कर्फ्यू लगाया गया और कारोबार पर जो प्रतिबंध लगा उसे परिणाम यह हुआ कि राजस्व वसूली भी प्रभावित हुई है.
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राजकोषीय घाटे की चुनौतियों से सरकार को पार पाना होगा
वरिष्ठ अर्थशास्त्री एपी तिवारी कहते हैं कि यद्यपि आंकड़े यह बताते हैं कि बीते साल की तुलना में राजस्व वृद्धि है, वह बेहतर दिखती है लेकिन हमें यह समझना पड़ेगा कि माह दर माह आधार पर राजस्व वृद्ध की जो प्रवृत्ति है वह उतना महत्वपूर्ण नहीं रह जाती, जो साल भर के राजस्व प्राप्ति के जो संकेत मिलते हैं, उससे ही यह निर्धारित होगा कि आगामी बजट की क्या स्थिति होगी. साथ ही राजकोषीय संतुलन में क्या सुधार होगा या किस प्रकार की नई तरह की चुनौतियां पैदा होंगी, इस पर भी सरकार को ध्यान देना होगा. अगले वित्त वर्ष में यूपी के सामने एक प्रकार से नई राजकोषीय चुनौतियां होंगी और घाटे को समाप्त करने की चुनौतियां होंगी.