लखनऊ:सूबे में कितना विकास हुआ है, यह जनता से अच्छा कोई नहीं जानता है, लेकिन एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) की रिपोर्ट की मानें तो 2012 से 2017 के बीच विधायकों की चल-अचल संपत्ति में औसत बढ़ोतरी लगभग दो गुना हो गई है. खैर, चुनावी मैदान में एक-दूसरे पर हमला बोलने वाले हर सियासी पार्टी की कहानी एक सी है और सभी पार्टियों के विधायकों की संपत्ति में बढ़ोतरी हुई है.
साथ ही इस रिपोर्ट में इस बात का भी उल्लेख किया गया है कि इस समयावधि में विधायकों की संपत्ति में बेतहाशा वृद्धि हुई है. रिपोर्ट की मानें तो किसी की संपत्ति में 525 फीसद की बढ़ोतरी हुई तो ज्यादातर की चल-अचल संपत्ति में औसत बढ़ोतरी करीब दो गुना हो गई है.
दरअसल, सूबे के 311 विधायकों की वर्ष 2012 व 2017 में सौंपे गए हलफनामा के आधार पर यह रिपोर्ट तैयार की गई है. रिपोर्ट से यह भी स्पष्ट होता है कि ज्यादातर सियासी नेता पैसे बनाने को ही इस क्षेत्र में आते हैं. वर्ष 2012 में 311 विधायकों की औसत संपत्ति तीन करोड़ 49 लाख 8 हजार 73 रुपये थी. जबकि वर्ष 2017 में उनकी औसत संपत्ति बढ़कर 6 करोड़ 33 लाख 64 हजार 781 रुपये हो गई.
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एडीआर रिपोर्ट के मुताबिक विधायकों की औसत संपत्ति में करीब दो करोड़ 84 लाख 59 हजार 709 रुपये की बढ़ोतरी हुई है यानी कुल करीब 82 फीसद की बढ़ोतरी दर्ज की गई है.
सपा के विधायकों की संपत्ति
वर्ष 2012 में समाजवादी पार्टी के 162 विधायकों की औसत संपत्ति 2 करोड़ 83 लाख 3 हजार 741 रुपये थी, जो 2017 में बढ़कर चार करोड़ 43 लाख 92 हजार 710 रुपये हो गई. यानी इस समयावधि में इन विधायकों की संपत्ति में करीब 99 फीसद की उछाल आ गई.
बसपा के विधायकों की संपत्ति
वर्ष 2012 में बसपा के 57 विधायकों की औसत संपति पांच करोड़ 23 लाख 80 हजार 117 रुपये थी, जो 2017 में 10 करोड़ 3 लाख 33 हजार 37 रुपये हो गई. यानी बसपा के विधायकों की संपत्ति में इस समयावधि में करीब 92 फीसद की बढ़ोतरी हुई है.
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