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रिटायर होने के बाद भी राजस्व विभाग में अधिकारी करता था वसूली, मुकदमा दर्ज - revenue department lucknow

राजस्व परिषद में तैनात अनु सचिव घनश्याम चतुर्वेदी ने राजस्व परिषद के रिटायर्ड निजी सचिव पर अधिकारियों व कर्मचारियों को जांच की धमकी देकर वसूली करने का आरोप लगाया है. आरोपी निजी सचिव के खिलाफ कैसरबाग कोतवाली में गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है.

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विवेकानंद डोबारियाल

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Published : May 4, 2022, 9:49 PM IST

लखनऊ: राजस्व परिषद के रिटायर्ड निजी सचिव पर अधिकारियों व कर्मचारियों को जांच की धमकी देकर वसूली करने का आरोप लगा है. आरोपी निजी सचिव के खिलाफ कैसरबाग कोतवाली में गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है. फिलहाल पुलिस आरोपी के घर उसे गिरफ्तार करने के लिए दबिश दे रही है.

कैसरबाग इंस्पेक्टर अजय नारायण सिंह के मुताबिक, राजस्व परिषद में तैनात अनु सचिव घनश्याम चतुर्वेदी की तहरीर पर मुकदमा दर्ज किया गया है. घनश्याम ने आरोप लगाया है कि इंद्रानगर निवासी विवेकानंद डोबारियाल उत्तर प्रदेश राजस्व परिषद में निजी सचिव के पद पर कार्यरत थे. नौकरी में रहते हुए विवेकानंद ने रिश्वत लेकर कार्य कराने व फर्जी शिकायत कराकर तहसीलदार, नायाब तहसीलदारों को दंडित कराने की धमकी देकर वसूली की शिकायतें पूर्व में भी मिलती रही हैं. रिटायर होने के बाद भी वह लगातार राजस्व परिषद में आते रहे हैं. अपनी धमक के चलते अधिकारियों को जांच की धमकी देते थे.

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अनु सचिव ने आरोप लगाया कि किसी और के नंबर का उपयोग करते हुए राजस्व परिषद में विवेकानंद डोबारियाल तहसीलदार, नायब तहसीलदार, कानूनगो और लेखपालों को कॉल करते थे. उनके स्थानांतरण व जांचों में अपनी पहुंच का हवाला देकर उनसे ठगी करते हुए वसूली करते थे.

घनश्याम ने आरोप लगाया है कि आरोपी विवेकानंद राजस्व परिषद में नियुक्त अधिकारियों व कर्मचारियों पर दबाव बनाते थे. दबाव में न आने पर उनके खिलाफ भी फर्जी शिकायत कराने व जांच कराने की धमकी देते थे. विवेकानंद उक्त विभागीय जांचों को चेयरमैन राजस्व परिषद के सेवानिवृत्त होने से पूर्व ही समाप्त कराने का दबाव बनाता था. दबाव में न आने पर कहता कि यह कार्य नहीं करोगे तो चेयरमैन साहब से प्रतिकूल कार्यवाही करा दूंगा.

विवेकानंद सेवानिवृत्त होने के बाद भी राजस्व परिषद कार्यालय अक्सर आता जाता रहता है. उन्होंने बताया कि राजस्व परिषद अधिकारियों एवं कर्मचारीयों से विभागीय जांचों के निस्तारण में उनसे मिलीभगत कर निस्तारण कराने के नाम पर बिचौलिए का काम करते हैं. आरोपी अधिकारी कर्मचारी से इसके नाम पर अवैध वसूली, तोहफा और आर्थिक लाभ लेता है. आरोप है कि यह काम विवेकानंद अपनी तैनाती के दौरान भी करता था.

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