लखनऊः सहकारिता विभाग में हुए भर्ती घोटाले के मुख्य आरोपी रामजतन यादव पर एसआईटी (SIT) का शिकंजा कसता जा रहा है. घोटाले के समय रामजतन यादव सेवा मंडल के तत्कालीन चेयरमैन थे. एसआईटी ने उनकी संपत्तियों की जांच कराने के लिए सरकार को लिखा है. जिसके बाद सरकार ने एसआईटी की रिपोर्ट पर सहमति दे दी है. सूत्रों के मुताबिक घोटाले में लिप्त रामजतन ने कमाई गई करोड़ों की रकम से अकूत संपत्ति बनाई है.
SIT के रडार पर रिटायर्ड अफसर
एसआईटी की रडार पर 6 मुकदमों में नामजद रिटायर्ड हो चुके सेवा मंडल के पूर्व चेयरमैन रामजतन यादव, ओंकार यादव, तत्कालीन सचिव राकेश कुमार मिश्र और उत्तर प्रदेश सहकारी ग्राम विकास बैंक के महाप्रबंधक रहे नारद यादव समेत कई अन्य अधिकारी भी हैं. शासन में इसके लिए तैयारी चल रही है. इसके लिए रिटायर हुए अधिकारियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई होगी. ये लोग वित्तीय अनियमितता और भ्रष्टाचार के मामले में फंसे हैं. रिटायर्ड होने के 4 साल तक ही सरकारी सेवक के खिलाफ विभागीय कार्रवाई किए जाने का नियम है. इस नियम की जद में सेवा मंडल के तत्कालीन चेयरमैन रामजतन यादव, तत्कालीन सचिव राकेश कुमार मिश्र और सदस्य रहे संतोष श्रीवास्तव की सेवानिवृत्ति साल 2017 में बताई जा रही है. घोटाले में आरोपी बनाए गए उत्तर प्रदेश सहकारी ग्राम विकास बैंक के महाप्रबंधक रहे नारद यादव भी 6 महीने पहले सेवानिवृत हुए हैं. इस लिहाज से सहकारिता विभाग से सेवानिवृत्त हुए ये चारों अफसर इस नियमावली की जद में आ रहे हैं.
एमडी भूपेंद्र कुमार भी अनियमितता में लिप्त