लखनऊ : प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना 4.0 के तहत जारी शासनादेश में इस बार प्राविधिक शिक्षा विभाग से संबद्ध संस्थाओं को भी कौशल विकास के ट्रेनिंग देने की जिम्मेदारी सौंपी गई है. शासनादेश में गवर्नमेंट व प्राइवेट औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों, डिग्री कॉलेज, डिप्लोमा, इंजीनियरिंग व फार्मेसी संस्थानों को अगले तीन महीनों में प्रत्येक संस्था द्वारा कौशल विकास के क्षेत्र में न्यूनतम 50 योग्य व्यक्तियों को इस योजना के तहत शॉर्ट टर्म प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाने के निर्देश दिए गए हैं. इसके लिए व्यावसायिक शिक्षा, कौशल विकास और उद्यमशीलता विभाग के प्रमुख सचिव एम. देवराज ने शासनादेश जारी कर दिया है.
इस योजनान्तर्गत के निर्धारित कम समय के प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किये जाने का निर्देश दिया है. साथ ही संबंधित जिलों के जिलाधिकारी अपने स्तर पर इस योजना के अन्तर्गत अर्ह लाभार्थियों का चयन व संस्थाओं की ओर से दिए जा रहे प्रशिक्षण की सघन निगरानी करेंगे. साथ ही इस योजना में शामिल संस्थाओं को अपने जिले के बाहर के जनपदों में भी प्रशिक्षण कार्यक्रम करने का भी लक्ष्य निर्धारित किया जा सकता है.
डायरेक्टर को बनाया गया नोडल अधिकारी : प्रमुख सचिव एम. देवराज ने बताया कि 'योजना के सफल व प्रभावी क्रियान्वयन के लिए उत्तर प्रदेश कौशल विकास मिशन के डायरेक्टर को नोडल अधिकारी बनाया गया है, जोकि प्रशिक्षण प्रोग्राम से जुड़े सभी मामलों को सुनेंगे और उसका निस्तारण भी करेंगे. साथ ही निदेशक, प्रशिक्षण एवं सेवायोजन प्राइवेट और गवर्नमेंट आईटीआई में तथा निदेशक प्राविधिक शिक्षा कानपुर, प्राइवेट व गवर्नमेंट पॉलीटेक्निक संस्थाओं में योजना के सफल एवं प्रभावी क्रियान्वयन करेंगे. कुलपति एकेटीयू, डिग्री व फार्मेसी संस्थाओं में तथा कुलपति, एचबीटीयू कानपुर, कुलपति एमएमयूटी गोरखपुर अपने विश्वविद्यालय में योजना क्रियान्वयन देखेंगे. प्रमुख सचिव ने बताया कि 'प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना 4.0 कौशल विकास एवं उद्यमशीलता मंत्रालय भारत सरकार की महत्वपूर्ण योजना है. योजना के संबंध में कौशल विकास एवं उद्यमशीलता मंत्रालय, भारत सरकार, नई दिल्ली द्वारा जारी की गई.'