लखनऊः उत्तर प्रदेश की राजधानी में इस बार अनुसूचित जाति महिला के लिए आरक्षित की गई है. इसी प्रकार अनुसूचित जाति महिला के लिए जो जिले आरक्षित हुए हैं. उनमें शामली, बागपत, कौशांबी, सीतापुर और हरदोई शामिल हैं. इसके अलावा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गृह जनपद गोरखपुर अनारक्षित, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी को ओबीसी महिला के लिए आरक्षित किया गया है.
ये है आरक्षण की स्थिति
पंचायती राज विभाग के अपर मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने बताया कि 75 जिला पंचायतों में 16 जिले अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित किए गए हैं. इनमें 6 सीट अनुसूचित जाति महिला के लिए आरक्षित हुई है. इसी प्रकार 20 सीट पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित की गई हैं. इन 20 सीटों में से 7 सीट पिछड़ा वर्ग की महिलाओं के लिए आरक्षित हुई हैं. इसके अलावा 12 सीट अनारक्षित महिलाओं के लिए आरक्षित की गई हैं. इनमें किसी भी वर्ग की महिला चुनाव लड़ सकेंगी. जबकि 27 सीट यानी 27 जिले जिला पंचायत के लिए अनारक्षित घोषित किए गए हैं.
ये है विकास खंड में आरक्षण स्थिति
अपर मुख्य सचिव पंचायती राज मनोज कुमार सिंह ने बताया कि प्रदेश के 826 विकास खंडों में 300 सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित की गई हैं. जबकि प्रदेश में 58,109 ग्राम प्रधानों के पदों के सापेक्ष अनुसूचित जाति के लिए 330 पद आरक्षित किए गए हैं. इसमें 199 पद पुरुष के लिए हैं एवं अन्य पद महिलाओं के लिए आरक्षित किए गए हैं. विकास खंडों के आरक्षण से संबंधित आदेश सभी जिलाधिकारियों को भेज दिए गए हैं. जिलाधिकारी के स्तर पर उसकी सूचना जिला स्तर पर जारी की जाएगी.
इस चुनाव में 60 लाख आबादी कम
पिछले 2015 के पंचायत चुनाव की तुलना में इस बार चार लाख की आबादी कम हुई है. पिछले चुनाव में 15 करोड़ 80 लाख की आबादी ने चुनाव में प्रतिभाग किया था, जबकि अब 15 करोड़ 20 लाख की आबादी बची है. करीब आठ लाख की आबादी नगरी निकायों में शिफ्ट हुई है.
इन जिलों में यह हुआ आरक्षण