लखनऊ : भारतीय जनता पार्टी 2022 के विधानसभा चुनाव को लेकर हर स्तर पर अपनी तैयारियों को आगे बढ़ा रही है. एक तरफ जहां संगठन तंत्र को बूथ स्तर तक मजबूत किया जा रहा है तो वहीं विधानसभा चुनाव में पार्टी के चुनावी योद्धा कौन होंगे, इसे लेकर भी मंथन जारी है.
वहीं, विधानसभा चुनाव में टिकटों के बंटवारे के पूर्व पार्टी एक आंतरिक सर्वे करा रही है. इस क्रम में विधायकों का रिपोर्ट कार्ड भी तैयार किया जा रहा है. पार्टी सूत्रों के अनुसार इसी रिपोर्ट कार्ड के आधार पर भाजपा के विधायकों का राजनीतिक भविष्य 2022 के चुनाव के लिए तय होगा.
भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने नाम न लिखने की शर्त पर बताया कि पार्टी नेतृत्व भाजपा विधायकों के कामकाज व परफॉर्मेंस को लेकर जिला स्तर पर क्षेत्र स्तर पर अलग-अलग फीडबैक जुटा रहा है. एक आंतरिक सर्वे भी कराया जा रहा है जिसके तहत सर्वे टीम क्षेत्र के लोगों से मिलकर भाजपा विधायकों के कामकाज की जानकारी ली जा रही है.ी
रिपोर्ट कार्ड बनेगा टिकट का आधार
2022 के विधानसभा चुनाव के लिए इस रिपोर्ट को लेकर बीजेपी का प्रदेश नेतृत्व केंद्रीय नेतृत्व से विचार-विमर्श करेगा. साथ ही पार्टी विधायकों के नाम तय किए जाएंगे. भाजपा नेतृत्व की कोशिश है कि आगामी विधानसभा चुनाव में भी 2017 की तरह ऐतिहासिक जीत दर्ज कराई जा सके. ऐसे में अगर भाजपा विधायकों के टिकट काटने की भी नौबत आती है तो भी केंद्रीय नेतृत्व संकोच नहीं करेगा.
2022 के चुनाव को लेकर कोई कसर नहीं छोड़ना चाहता भाजपा नेतृत्व
परफॉर्मेंस को ही मुख्य मुद्दा मानते हुए बीजेपी पार्टी विधायकों का सर्वे कराने का काम कर रही है. इसी रिपोर्ट कार्ड के आधार पर बीजेपी विधायकों को टिकट मिलने या न मिलने का फैसला किया जाएगा.
इसके अलावा बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व द्वारा पिछले दिनों जिस प्रकार से सांसदों व विधायकों को क्षेत्र में जाकर केंद्र व राज्य सरकार की जनकल्याणकारी नीतियों व संगठन के कामकाज को लेकर जानकारी देनी है.
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