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बारह सौ फीस, पैंतीस सौ रुपये में हो रहा नवीनीकरण

जितनी फीस उससे दोगुना दलाली. कुछ ऐसा ही मामला राजधानी लखनऊ में देखने को मिला है. देवा रोड स्थित सहायक संभागीय परिवहन कार्यालय में दलालों का वर्चस्व है. नवीनीकरण के लिए 12 सौ रुपये फीस निर्धारित है, लेकिन दलालों की मदद से यह कार्य 35 सौ रुपये में हो रहा है.

बारह सौ फीस पैंतीस सौ रूपये में हो रहा नवीनीकरण
बारह सौ फीस पैंतीस सौ रूपये में हो रहा नवीनीकरण

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Published : Feb 11, 2021, 8:12 PM IST

लखनऊःदेवा रोड स्थित सहायक संभागीय परिवहन कार्यालय में कदम-कदम पर दलालों का जाल बिछा हुआ है. काउंटर पर पहुंचने से पहले ही दलाल अपनी स्कीम यहां आने वाले लोगों को समझाने लगते हैं. लाइका निवासी ने लाइसेंस के नवीनीकरण के लिए आए हुए थे. दलाल ने उन्हें बताया कि 22 तारीख की डेट मिलेगी. 12 सौ रुपये फीस है. 35 सौ रुपये देने होंगे. उसी दिन काम हो जाएगा. इसके बाद 10 दिन के अंदर लाइसेंस आपके घर पहुंच जाएगा.

अराजकता और अव्यवस्था की स्थिति

सहायक संभागीय परिवहन कार्यालय में गुरुवार को अराजकता एवं व्यवस्था की स्थिति दिखी. सभी काउंटरों पर कतार लगी हुई थी, लेकिन दलालों का कार्य अंदर से हो रहा था. कतार में लगे लोगों ने बताया कि काफी देर से लाइन में लगे हैं. नंबर ही नहीं आ रहा है.

ऑनलाइन होती है घूस की वसूली

बुधवार को यहां एक दिलचस्प मामला प्रकाश में आया था. अलीगंज निवासी महेंद्र खंडेलवाल अपने बेटे का मैनुअल लाइसेंस स्मार्ट कार्ड में बदलवाने के लिए आवेदन करने आए थे. काफी देर भटकने के बाद काउंटर के बाबू ने उन्हें बताया कि उनका यह लाइसेंस ट्रांसपोर्ट नगर स्थित आरटीओ कार्यालय से बना था. इसलिए यह वहीं से होगा. काउंटर से हटे तो दलाल ने उन्हें बताया कि आवेदन यहीं से हो जाएगा, पैसे गूगल अथवा पेटीएम से देने होंगे. 2 घंटे में कार्य करवाने की गारंटी भी दी. एआरटीओ ने इस मामले जांच कराने का आश्वासन दिया था, लेकिन गुरुवार को नजारा वैसा का वैसा ही था.

खाली थी एआरटीओ की कुर्सी

एआरटीओ अंकिता शुक्ला गुरुवार को अपने कक्ष में मौजूद नहीं थी. फोन नाट रिचेबल था. लोगों की समस्या का समाधान करने के लिए कोई अधिकारी मौजूद नहीं था. गार्ड ने बताया मैडम नहीं आई हैं.

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