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अलीगंज हनुमान मंदिर में बनेगा नया मुख्य द्वार, पर्यटन विभाग देगा आर्थिक मदद - पर्यटन विभाग यूपी

मुख्यमंत्री पर्यटन विकास सहभागिता योजना के तहत अलीगंज हनुमान मंदिर का चयन किया गया है. मंदिर को धार्मिक स्थल के रूप में विकसित करने की योजना है.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Sep 20, 2023, 9:52 PM IST

लखनऊ : अलीगंज का नया हनुमान मंदिर प्रदेश के धार्मिक पर्यटक स्थल बनकर उभरेगा. इसके लिए मुख्यमंत्री की पर्यटन विकास सहभागिता योजना के तहत विकसित किया जाएगा. इसके लिए पर्यटन विभाग की ओर से तैयार किए गए प्रस्ताव को शासन से मंजूरी मिल गई है. प्रथम चरण में 191 लाख रुपए से इसके द्वारा को भाव बनाया जाएगा जिस पर वैदिक कालीन झलक दिखेगी. नवीन और दसवीं शताब्दी में हिंदू राजाओं के महल के तर्ज पर झरोखे बनाए जाएंगे. दीवारों पर नक्काशी इस मंदिर की भव्यता को बढ़ाएगी. मुख्यमंत्री पर्यटन विकास सहभागिता योजना के तहत इसका चुनाव किया गया है. इसके तहत 50 फ़ीसदी राशि राज्य सरकार और 50 फीसदी राशि मंदिर ट्रस्ट खर्च करेगी पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि इस योजना के तहत जनप्रतिनिधि संस्था व संगठन भी प्रस्ताव दे सकते हैं.

अलीगंज हनुमान मंदिर में बनेगा नया मुख्य द्वार.


भीड़ प्रबंधन में मददगार साबित होंगे तीन द्वार :मंदिर प्रोजेक्ट से जुड़े आर्किटेक्चर आशीष श्रीवास्तव ने बताया कि मुख्य द्वार में तीन द्वारा होंगे. इससे त्योहारों के मौसम में मंदिर में आने वाले वीर का प्रबंध आसान होगा. यह द्वारा 50 फीट चौड़ा और 35 फीट ऊंचा होगा द्वारा के पास 15 से 18 फीट चौड़ी सड़क छोड़ी गई है. इसके साथ ही वैदिक कालीन इतिहास के अध्ययन के बाद इसके डिजाइन को इस तरह से तैयार किया गया है. ताकि उस काल की झलक दिखे आमतौर पर अवध के वास्तु में मुगल कालीन झलक मिलती है. हमने इससे हटकर काम किया है द्वार पर बने झरोखे पर नक्काशी खास होगी, बीच की खाली जगह पर लैंडस्केप, संकेतों को व विशेष लाइटों से सजाया जाएगा. दुकानों को कुछ पीछे करके भक्तों व पर्यटकों के लिए ज्यादा खुली जगह निकल जाएगी. उन्होंने बताया कि पहले चरण में द्वारा के काम को पूरा करके अगले चरण में मंदिर के भीतर के डिजाइन पर काम होगा.


माना जाता है कि 1752 से 1802 के बीच अवध के तत्कालीन नवाब मोहम्मद अली शाह की बेगम राबिया बेगम को सपने में हनुमान जी के दर्शन हुए थे. जब वह गर्भवती थीं तो फिर सपना देखा. बच्चों के जन्म के बाद सपने में दिखाई गए स्थल इस्लामबाड़ी गई और वहां खुदाई करवाई तो वह मूर्ति निकली. जिस हाथी पर मूर्ति को लेकर लोग लौट रहे थे, वह अलीगंज पहुंचकर रुक गया और आगे नहीं बढ़ा, जैसे ही मूर्ति उतर गई हाथी फिर चल पड़ा. वहां मौजूद एक साधु ने कहा कि बेगम साहिबा हनुमान जी गोमती पार नहीं जाना चाहते हैं तब वह मूर्ति वहीं स्थापित कराई गई.

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